174 मीटर लंबा काल्र्सरुहे नाजी सेना का एकमात्र प्रमुख युद्धपोत था, जिसने नॉर्वे पर मजबूती से प्रहार किया, लेकिन लौटते वक्त यह ब्रिटिश पनडुब्बी का शिकार हो गया। डूबने से पहले चालक दल को निकालने के बाद जर्मन सेना ने खुद ही इसे उड़ा दिया था, ताकि कोई राज दुश्मनों के हाथ ना लगें। सोनार से जून में जहाज का पता चल गया था, लेकिन स्वास्तिक और दूसरे चिह्नों से इसकी पहचान नाजी युद्धपोत काल्र्सरुहे के रूप में हुई, जिसका मलबा समुद्र में 535 फुट नीचे पड़ा है। एक अन्य दल को भी 2018 में इसका मलबा नजर आया था, लेकिन तब इसकी पहचान नहीं हो सकी थी।