शहडोल. कोरबा से शहडोल रेलवे स्टेशन पहुंची मालगाड़ी की एक बोगी में मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे आग लग गई। जानकारी लगते ही स्थानीय रेल कर्मचारियों में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। इस दौरान प्रबंधन की बड़ी चूक सामने आई है। रेलवे स्टेशन में आग बुझाने पर्याप्त इंतजाम ही नहीं थे। पटरी किनारे लगे पाइप में भी पानी की सप्लाई कम थी। बाद में आनन-फानन में आग पर काबू पाने नगरपालिका से फायर ब्रिगेड के वाहनों को बुलाना पड़ा। विद्युत सप्लाई बंद कराने के बाद दमकल की पांच सदस्यीय टीम डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
राजस्थान जा रही थी मालगाड़ी
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार, लगभग 58 डिब्बे की मालगाड़ी कोरबा से कोयला लोड कर राजस्थान के लिए जा रही थी। इस दौरान अनूपपुर क्रास करने के बाद पीछे के वैगन नंबर 221224 से अचनाक तेज धुंआ उठने लगा। मालगाड़ी के कर्मचारी को जानकारी लगते ही शहडोल स्टेशन प्रबंधन को जानकारी दी गई। स्थानीय अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए मालगाड़ी प्लेट फार्म 2 में बुलाया गया, यहां पानी की सप्लाई तो रही, लेकिन उसमें पे्रशर व पर्याप्त पाइप न होने के कारण आग बुझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद आनन-फानन में दमकल के वाहनों को बुलाया गया।
दो वाहनों से बुझी आग, ट्रेन का प्लेटफार्म बदला
नगरपालिका से एक बड़े व एक छोटे वाहन को भेजा गया। डेड़ घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर 12 बजे आग पर काबू पाया गया। बिलासपुर-शहडोल मेमू ट्रेन को प्लेट फार्म 2 की जगह 1 पर भेजा गया।
यात्री ट्रेन होती तो बढ़ जाती मुसीबत
गनीमत थी कि घटना कोयला लोड मालगाड़ी के डिब्बे में थी। यह हादसा यात्री ट्रेन में होता तो बड़ी घटना घट सकती थी। शहडोल से कटनी व बिलासपुर रूट के लिए हर दिन करीब 80 मालगाड़ी एवं 30 से अधिक ट्रेन अपडाउन में चलती है। हर रोज सैकड़ों की संख्या में यात्री आवागमन के लिए आते हैं। ऐसी स्थिति में रेलवे स्टेशन में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम न होना सवाल खड़े करता है।
इनका कहना है
कोयला लेकर जा रही मालगाड़ी के एक डिब्बे में धुआं उठने की जानकारी मिली थी। रेलवे के पास आग बुझाने से संबंधित वाहन नहीं है, ऐसे स्थिति में स्थानीय प्रशासन से सहयोग लिया जाता है।
अंबिकेश साहू, रेलवे पीआरओ बिलासपुर
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