दिल्ली रोड पर दौलतपुरा टोल प्लाजा के पास एक वेयरहाउस योजना सृजित की जा रही है। 10 हजार रुपए प्रति गज में जमीन बेची जा रही है। जहां रास्ता बनाया है, वहां नाले का बहाव क्षेत्र है। निर्माणकर्ता ने पानी निकासी के लिए एक दो जगह पाइप डालकर इतिश्री कर ली है। जेडीए की टीम चुप है।
एक तोड़ी, दूसरी छोड़ी
बेगस में जेडीए ने बीते दिनों नेचर फॉर्म नाम की फॉर्म हाउस योजना पर कार्रवाई की थी। जबकि, इसके पास दूसरी फॉर्म हाउस योजना है। उस तक प्रवर्तन शाखा की टीम नहीं पहुंच पाई है। जबकि, नक्शा जारी कर ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा है।
बेगस में जेडीए ने बीते दिनों नेचर फॉर्म नाम की फॉर्म हाउस योजना पर कार्रवाई की थी। जबकि, इसके पास दूसरी फॉर्म हाउस योजना है। उस तक प्रवर्तन शाखा की टीम नहीं पहुंच पाई है। जबकि, नक्शा जारी कर ग्राहकों को गुमराह किया जा रहा है।
आवासीय कॉलोनियों के नाम पर धोखा
-पिंडोली रोड, विजयपुरा के गांव किशोरपुरा में 64 हजार वर्गगज में आवासीय योजना विकसित की जा रही है। इनका जो नक्शा जारी किया गया है, उसमें शॉप एरिया से लेकर प्लॉट एरिया और रोड एरिया दर्शाया गया है। इन नक्शे को देखकर लगेगा कि कोई जेडीए अप्रूव्ड कॉलोनी सृजित की जा रही है।
-दिल्ली रोड स्थित जयसिंहपुरा खोर थाने के पास श्री नंदेश्वर महादेव कॉलोनी अवैध रूप से सृजित की जा रही है। बताया जा रहा है कि नेताओं की शह होने से जेडीए कार्रवाई करने के लिए नहीं पहुंच पा रहा है। कम पैसे में घर का सपना देखने वाले ग्राहकों को ठगा जा रहा है।
-कालवाड़ रोड पर विकास नगर-द्वितीय नाम से कॉलोनी सृजित की जा रही है। राजहंस गृह निर्माण सहकारी समिति के पट्टे लोगों को दिए जा रहे हैं। 6100 रुपए गज के भाव में बेचान किया जा रहा है।
-डिग्गी रोड टीलावाला में 57 हजार वर्ग गज में अवैध कॉलोनी सृजित की जा रही है। इसमें आवासीय भूखंडों के अलावा शॉप भी हैं। ग्राहक यहां खरीदने भी पहुंच रहे हैं। -इसी तरह रामकुई रोड पर भंभोरी में 100 फीट रोड पर 32 दुकानों का एक मार्केट तैयार किया जा रहा है।
ये दिक्कत -कृषि भूमि पर अवैध रूप से विकसित की जा रहीं इन कॉलोनियों से अव्यवस्थित विकास हो रहा है। नक्शे में तो कॉलोनियों में सुविधा क्षेत्र से लेकर पार्क आदि की जानकारी दी जाती है। लेकिन, मौके पर कुछ नहीं होता।
-मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं होता। जेडीए सडक़ नहीं बनाता। जलदाय विभाग पानी लाइन नहीं डालता। ऐसे में लोग परेशान होते रहते हैं। नियमन कराना भी बहुत मुश्किल भरा होता है। ये है प्रावधान
कृषि भूमि का गैर कृषि उपयोग करने के लिए जेडीए में 90-बी कराने का प्रावधान है। इसके बाद रेरा में पंजीयन कराना होता है। पेजयल, बिजली और सीवरेज तंत्र विकसित करना होता है। इसके अलावा सडक़ों भी विकासकर्ता को ही बनानी होती है।
ये जिम्मेदार -कैलाश विश्नोई, डीआइजी -आदर्श चौधरी, मुख्य नियंत्रक, प्रवर्तन शाखा