scriptप्रायोगिक रूप से इजरायली बाजरे की खेती | Experimental cultivation of Israeli millet | Patrika News
खास खबर

प्रायोगिक रूप से इजरायली बाजरे की खेती

किसान खेती के परम्परागत तरीके को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करने लगे हैं।

जयपुरJun 22, 2024 / 05:15 pm

कंचन अरोडा

Oplus_0

प्रायोगिक रूप से दो बीघा में की खेती
इजराइल से मंगवाए बीज, अच्छी पैदावार

मंडार (सिरोही) कस्बे में पहली बार इजरायली बाजरे की खेती शुरू की जा रही है। किसान अब खेती में नवाचार कर कम समय, कम पानी व कम खर्चे में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में किसान खेती के परम्परागत तरीके को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करने लगे हैं।
लहलहाने लगी फसल
किसान करसन लाल चौधरी ने इजराइल से एक किलो बाजरे के बीज मंगवाकर पहली बार यह प्रयोग किया। दानपुरा मार्ग स्थित कृषि कुएं पर दो बीघा में बुवाई की। ड्रिप सिस्टम के माध्यम से बूंद-बूंद सिंचाई कर रहे हैं। वर्तमान में बड़े-बड़े सिट्टों के साथ फसल लहलहाने लगी है। सिट्टे दानों से भर गए हैं। जुलाई के पहले पखवाड़े में कटाई शुरू करेंगे। एक दाने से कई तने तथा सिट्टे आने से अच्छी पैदावार हो रही है।
अठारह दिन का लिया प्रशिक्षण
किसान ने बताया, उन्होंने इजराइल जाकर 18 दिन का प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यह बाजरा जल्दी ग्रोथ करता है तथा खाने में स्वादिष्ट होता है। पानी भी कम लगता है। इसका चारा पशुओं के लिए उत्तम होता है। इसकी लम्बाई भी अधिक होती है। कई पौधे तो करीब 14 फीट तक लम्बे हो जाते हैं, जिनमें दो से तीन फीट का सिट्टा होता है। करीबन तीन महीने में फसल तैयार हो जाती है।
खेत पर लगवाया सोलर सिस्टम
करसन बाजरे से पहले सोयाबीन के 12 किलो बीज की बुवाई कर 720 किलो उपज तथा कपास के आधा किलो बीज की बुवाई कर 1200 किलो का उत्पादन ले चुके हैं। अब बाजरे के बाद दो सौ किलो इजराइली गेहूं की बुवाई करने की तैयारी की है। बीज मंगवाया है। इजराइली गेहूं की बाली एक फीट की होने के साथ एक बीज से अनेकों तने निकलते हैं। जिससे तेज हवा का ज्यादा असर नहीं होता है। इसकी बुवाई सर्दियों में होती है। उन्होंने खेत पर सोलर सिस्टम भी लगवाया हुआ है। -रणजीत सिंह

Hindi News / Special / प्रायोगिक रूप से इजरायली बाजरे की खेती

ट्रेंडिंग वीडियो