शहर में जगह-जगह जमा पानी व जलस्रोतों में मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। इससे डेंगू और मलेरिया बीमारी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लार्वा को नष्ट करने के लिए जमीनी स्तर पर पूरे प्रयास नहीं हो रहे हैं। वहीं अनेक लोगों में जागरुकता की कमीं के कारण पानी के टांकों व घर के आसपास जमा पानी के कारण भी मच्छरों की संख्या बढऩे से इस साल ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में डेंगू के डंक का असर अधिक मिल रहा है। सरकारी आंकड़ो के अनुसार डेंगू के मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच गई है वहीं निजी लैब व निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज मिल रहे है।
लार्वा के खात्मे के लिए पर्याप्त नहीं मिली गंबूसिया
जिले के डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के खात्मे के लिए मलेरिया विभाग अधिक प्रभावित क्षेत्रों में गंबूसिया मछली डालने वाला है। इसके लिए विभाग को अब तक पर्याप्त संख्या में मछली नहीं मिल पाई है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस साल अतिवर्षा के कारण तालाब से गम्बूसिया बहने के कारण आपूर्ति में समस्या आई है। मछली मिलने के बाद पहले चरण में जिले के बरघाट, छपारा और गोपालगंज क्षेत्र में रुके हुए पानी, पोखर, तालाब और कुओं में इसे छोड़ा जा रहा है। इसके बाद जिले के अन्य डेंगू-मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में मछलियों को डालने की योजना। इस साल करीब 40 हजार रुपये से तीन लाख मछलियां डेंगू-मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में डाली जानी है।
इनका कहना है
जिले में लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसकी रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में लार्वा विनिष्टीकरण की जिम्मेदारी नगरपालिका की है। इसके लिए नगरपालिका को सहयोग दिया जा रहा है। लार्वा विनिष्टकरण के लिए विभिन्न स्थानों पर गंबूसिया मछली डाली जाना है। अब मछली मिल रही है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के विभिन्न गांव में 25-25 हजार मछली डाली जा रही है।
रामजी भलावी, जिला मलेरिया अधिकारी