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जौरा में बदमाश सक्रिय, दिन दहाड़े समेटकर ले गए तीन लाख का माल

– घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद, पुलिस थाने में दिया आवेदन
– अपराध का ग्राफ कम करने जौरा थाना प्रभारी का स्पेशल फंडा, घटना के बाद नहीं की जाती एफआइआर

मोरेनाJun 02, 2024 / 01:49 pm

Ashok Sharma

मुरैना. अलापुर धमकन रोड पर एक परिवार का मुखिया मजदूरी करने और पत्नी बाजार गई थी, आठ साल के बच्चे अंश जाटव को बातों में लेकर बदमाशों ने घर की चाबी ली और नगदी, जेवर समेत तीन लाख रुपए का सामान समेटकर ले गए।
जानकारी के अनुसार अलापुर धमकन रोड निवासी संजय जाटव मजदूरी करने जयपुर में रहता है। गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे संजय की पत्नी राजकुमारी जाटव सौदा लेने बाजार गई थी। उनका बच्चा अंश (08) घर के बाहर खेल रहा था। उसी समय एक बदमाश वहां आया और बच्चे से पूरी जानकारी ली, घर में कौन कौन है। आरोपी छोटे बालक को अपने साथ घर के भीतर लेकर गया घर के भीतर कमरे का ताला लगा था। गेट के बगल से कूलर लगा था कूलर को खिसकाकर अंश को भीतर घुस दिया। उसके बाद चाबी लेकर गेट और अलमारी का ताला खोलकर 50 हजार रुपए नगदी, सोने की अंगूठी, नाक का फूल, नाक की बाली, मंगलसूत्र, चांदी की डोर, पायजेब, बिछिया, तोडिय़ा कुल तीन लाख रुपए का सामान समेटकर ले गए। बच्चे की मां राजकुमार दोपहर दो बजे बाजार से लौटकर आई तब उसको सामान बिखरा पड़ा मिला, तो उसके होश उड़ गए। घटना में शामिल बदमाश सीसीटीवी में कैद हो चुके हैं। कैमरे में दो व्यक्ति दिखाई दिए हैं जिसमें एक व्यक्ति घर से कुछ दूरी पर सडक़ पर खड़ा था दूसरा मोटरसाइकिल पास लेकर आया और जौरा कस्बे की तरफ चला गया। पुलिस ने इस मामले में अभी तक एफआइआर दर्ज न करते हुए सिर्फ आवेदन लिया है।
22 दिन में पांच गंभीर वारदात, जौरा थाना पुलिस ने नहीं की एक भी एफआइआर
जौरा कस्बे में अपराधी तत्व हावी है। पुलिस की निष्क्रीयता के चलते अपराधी सक्रिय है। थाना प्रभारी जौरा का अपराधों का ग्राफ करने का नया फंडा अपनाया जा रहा है। अगर कोई वारदात होती है तो पीडि़त से आवेदन लेकर जांच का बहना बनाकर चलता कर दिया जाता है। पिछले 22 दिन में जौरा कस्बे में चोरी, ठगी जैसी पांच गंभीर वारदात हो चुकी हैं। लेकिन पुलिस ने एक भी मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की हैं। पुलिस की मानें तो मामलों में जांच की जा रही है जबकि नियमानुसार फरियादी अगर रिपोर्ट करता है तो पहले उसका अपराध दर्ज करें, उसके बाद जांच की जाए, अगर जांच में गलत पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया जा सकता है लेकिन जौरा में वहीं हो रहा है जो थाना प्रभारी करते हैं। लोगों को दिन दहाड़े माल पार हो जाता है लेकिन इनकी नजर में वह अपराध नहीं हैं।
ये हैं प्रमुख वारदात जिनमें नहीं हुई एफआइआर
केस-01

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