निम्र-मध्यम आय वाले देशों में दिखा सुधार: वैश्विक स्तर पर 2000 के बाद से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 51 फीसदी की गिरावट आई है। कई निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों ने इसमें जबरदस्त सुधार देखा है। जैसे कंबोडिया, मलावी, मंगोलिया और रवांडा ने मृत्यु दर में 75 फीसदी से अधिक की कमी की है। वहीं उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिणी एशिया को सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा। दुनियाभर में समय पूर्व जन्म, जन्म के समय जटिलताएं, निमोनिया, दस्त और मलेरिया जैसे रोके जा सकने या उपचार योग्य कारणों से बच्चों की जान जा रही है।
प्रगति में बाधक बन सकता है जलवायु परिवर्तन: रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तक बेहतर पहुंच से काफी सुधार हो सकता है। लेकिन जलवायु परिवर्तन, बढ़ती असमानता, संघर्ष और कोरोना के दीर्घकालिक परिणाम संपूर्ण प्रगति को खतरे में डाल सकते हैं। तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो कई निम्न, निम्न-मध्यम आय वाले देश नवजात और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को पूरा नहीं कर पाएंगे। आशंका है कि 2030 तक अनुमानित 3.5 करोड़ बच्चे अपने पांचवें जन्मदिन तक पहुंचने से पहले ही मर जाएंगे।
05 साल की उम्र से पहले मृत्यु जोखिम