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सावधान ! युवा अपराधियों की अब खैर नहीं, राजस्थान पुलिस गांव-गलियों में खोज रही ऐसे अपराधी, हर सप्ताह देनी होगी थाने को निगरानी रिपोर्ट

अपराधी की हिस्ट्रीशीट पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर ही खोली जा सकती है। हीस्ट्रीशीट एक बार खुलने के बाद बंद नहीं होती है। जबकि राउडी शीट को बदमाशों की सक्रियता के आधार पर खोला और बंद किया जा सकता है। राउडी शीट को सीआई भी खोल सकता है।

चूरूJun 03, 2024 / 02:01 pm

जमील खान

Churu News : चूरू. गैंगवार से जुड़े लोगों पर कड़ाई के साथ चूरू में पुलिस ने अब अपराध की दहलीज पर कदम रखने वाले युवा अपराधियों को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया है। जिले भर में चले धरपकड़ अभियान के बाद पुलिस ने पांच सौ ज्यादा ऐसे युवा अपराधियों को चिह्नित किया है,जो क्षेत्र में उत्पात मचाने के साथ छोटे अपराध कर शांत बैठ जाते हैं। इन अपराधियों को राडार पर रखने के लिए पुलिस ने अब इनकी राउडी शीट खोलना शुरू कर दिया है। पिछले पांच वर्ष के इनके अपराध की समीक्षा कर 160 अपराधियों की राउडीशीट खोली जा चुकी है। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक की ओर से प्रत्येक थानाधिकारी को इस तरह के अपराधियों की प्रतिदिन राउडी शीट खोलकर सूचना जिला मुख्यालय पर भेजने के आदेश दिए हैं। इसके लिए प्रत्येक थाने को एक परफोर्मा भी भेजा गया है।
Rajasthan News : पुलिस रखेगी नजर, हर सप्ताह भेजनी होगी रिपोर्ट
राउडी शीटर अपराधियों की सभी थानाधिकारियों को एक फॉर्मेंट में जानकारी हर सप्ताह पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भेजनी होगी। प्रत्येक ऐसे में राउडी शीटर अपराधी की निगरानी के लिए थाने के सिपाही की जिम्मेदारी तय करनी होगी। सिपाही को फिल्ड में जाकर बदमाशों पर नजर रखकर उनकी वर्तमान रिपोर्ट तैयार करनी होगी। एसपी ने 7 कॉलम में रिपोर्ट मांगी है। जिसमें थाने का नाम, चैक किए गए अपराधी का नाम और पता, बदमाश वर्तमान में क्या कर रहा हैं, उसके मोबाइल नंबर, पता और पूछताछ करने का पूछताछ नोट और चैक करने गए अधिकारी का विवरण भेजना होगा।
Rajasthan Police : हिस्ट्रीशीट और राउडी शीट में यह है फर्क
अपराधी की हिस्ट्रीशीट पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर ही खोली जा सकती है। हीस्ट्रीशीट एक बार खुलने के बाद बंद नहीं होती है। जबकि राउडी शीट को बदमाशों की सक्रियता के आधार पर खोला और बंद किया जा सकता है। राउडी शीट को सीआई भी खोल सकता है। बदमाश यदि कहीं भी जुर्म की दुनिया में सक्रिय होता है तो उसे पहले पाबंद किया जाता है और राउडी शीट खुलने के बाद भी बदमाश जुर्म की दुनिया में सक्रिय रहता है तो फिर पुलिस उसकी हिस्ट्रीशीट खोल देती है। फिर उस पर तमाम कानूनी पाबंदियां लागू होती हैं।
थाने में होगी राउडी शीटर की जानकारी
जिले में राउडी शीट खोलने की व्यवस्था प्रो-एक्टिव पुलिसिंग यानी अपराध होने से पहले रोकने के लिए की गई है। इसमें दो तरह के युवा अपराधियों को लिया गया है। एक तो वे जिनका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन संगठित अपराधिक गिरोह से सम्पर्क में हैं। दूसरा संपत्ति संबंधी यानी चोरी, लूट, नकबजनी, डकैती जैसे अपराधों में सक्रियता के साथ तीन मामलें किसी भी थाने में दर्ज हो चुके हैं। ऐसे युवाओं को चिह्नित कर राडार पर लिया गया है। राउडी शीटरज् की पूरी जानकारी थाना पुलिस के पास होगी। उसकी फोटो, फिंगर व फुटप्रिंट के साथ संपत्ति की जानकारी भी उसके डोजियर में रखी जाएगी। ऐसे में कोई भी अपराध होने पर अपराधी की पहचान में आसनी होगी।
इनका कहना है
जिले में अपराध में कमी लाने के लिए अपराधियों की राउडी शीट खोलना शुरू कर दिया गया है। गत पांच वर्षों में जिन जिन बदमाशों पर 3 या 3 से अधिक मुकदमे दर्ज है। जुर्म की दुनिया में उनकी सक्रियता के आधार पर थाना स्तर पर अब तक 160 अपराधियों की राउडी शीट खोल दी गई है। चिह्ति अन्य अपराधियों की राउडी शीट खोलने का कार्य जारी है। जय यादव, पुलिस अधीक्षक, चूरू

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