राउडी शीटर अपराधियों की सभी थानाधिकारियों को एक फॉर्मेंट में जानकारी हर सप्ताह पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भेजनी होगी। प्रत्येक ऐसे में राउडी शीटर अपराधी की निगरानी के लिए थाने के सिपाही की जिम्मेदारी तय करनी होगी। सिपाही को फिल्ड में जाकर बदमाशों पर नजर रखकर उनकी वर्तमान रिपोर्ट तैयार करनी होगी। एसपी ने 7 कॉलम में रिपोर्ट मांगी है। जिसमें थाने का नाम, चैक किए गए अपराधी का नाम और पता, बदमाश वर्तमान में क्या कर रहा हैं, उसके मोबाइल नंबर, पता और पूछताछ करने का पूछताछ नोट और चैक करने गए अधिकारी का विवरण भेजना होगा।
अपराधी की हिस्ट्रीशीट पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर ही खोली जा सकती है। हीस्ट्रीशीट एक बार खुलने के बाद बंद नहीं होती है। जबकि राउडी शीट को बदमाशों की सक्रियता के आधार पर खोला और बंद किया जा सकता है। राउडी शीट को सीआई भी खोल सकता है। बदमाश यदि कहीं भी जुर्म की दुनिया में सक्रिय होता है तो उसे पहले पाबंद किया जाता है और राउडी शीट खुलने के बाद भी बदमाश जुर्म की दुनिया में सक्रिय रहता है तो फिर पुलिस उसकी हिस्ट्रीशीट खोल देती है। फिर उस पर तमाम कानूनी पाबंदियां लागू होती हैं।
जिले में राउडी शीट खोलने की व्यवस्था प्रो-एक्टिव पुलिसिंग यानी अपराध होने से पहले रोकने के लिए की गई है। इसमें दो तरह के युवा अपराधियों को लिया गया है। एक तो वे जिनका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन संगठित अपराधिक गिरोह से सम्पर्क में हैं। दूसरा संपत्ति संबंधी यानी चोरी, लूट, नकबजनी, डकैती जैसे अपराधों में सक्रियता के साथ तीन मामलें किसी भी थाने में दर्ज हो चुके हैं। ऐसे युवाओं को चिह्नित कर राडार पर लिया गया है। राउडी शीटरज् की पूरी जानकारी थाना पुलिस के पास होगी। उसकी फोटो, फिंगर व फुटप्रिंट के साथ संपत्ति की जानकारी भी उसके डोजियर में रखी जाएगी। ऐसे में कोई भी अपराध होने पर अपराधी की पहचान में आसनी होगी।
जिले में अपराध में कमी लाने के लिए अपराधियों की राउडी शीट खोलना शुरू कर दिया गया है। गत पांच वर्षों में जिन जिन बदमाशों पर 3 या 3 से अधिक मुकदमे दर्ज है। जुर्म की दुनिया में उनकी सक्रियता के आधार पर थाना स्तर पर अब तक 160 अपराधियों की राउडी शीट खोल दी गई है। चिह्ति अन्य अपराधियों की राउडी शीट खोलने का कार्य जारी है। जय यादव, पुलिस अधीक्षक, चूरू