जिसके चलते गत वर्ष मई में नगरपालिका की अधिसूचना जारी की गई। ग्राम पंचायत को समाप्त कर नगरपालिका की व्यवस्था प्रारंभ की गई। ऐसे में ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत विभिन्न कार्यों पर मनरेगा श्रमिक का कार्यरत थे, नगरपालिका की अधिसूचना जारी होने के बाद ग्रामीण मनरेगा कार्य को गत वर्ष जून माह से पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। पिछले करीब 12 माह से मनरेगा कार्य बंद होने के कारण सैकड़ों मनरेगा श्रमिक का घर बैठे हैं तथा मनरेगा कार्य शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
आहोर में नगरपालिका शुरू होने के बाद यहां शहरी मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू होने हैं लेकिन 12 माह का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक शहरी मनरेगा कार्य यहां शुरू नहीं हो पाए हैं। 12माह से काम के अभाव में बेरोजगार श्रमिक आहोर नगर में पूर्व में ग्राम पंचायत के अधीन करीब 1100 मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड जारी हो रखे हैं। जिसमें से करीब 550 मनरेगा श्रमिक नियमित रूप से कार्य पर आते थे, लेकिन ग्रामीण मनरेगा कार्य बंद होने के कारण वे बिना काम के घर बैठे हैं। जहां मनरेगा कार्य शुरू नहीं होने से मनरेगा श्रमिकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं पर्याप्त मनरेगा कार्य दिवस के अभाव में विभिन्न सरकारी योजनाओं से प्रभावित भी होना पड़ रहा है।