जानकारी के मुताबिक डीपीआरओ आरके भारती पर कुछ लाभार्थियों को शौचालयों का निर्माण करने के बाद भी प्रोत्साहन राशि न दिए जाने, बिना किसी सक्षम स्तर की अनुमति के जिला पंचायत राज अधिकारी के नाम से एक निजी बैंक में खाता खोलने व ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव पर दबाव बनाकर प्रत्येक ग्राम पंचायत से धनराशि का चेक डीपीआरओ के नाम से निर्गत कराकर खाते में जमा कराने का आरोप लगा है।
यही नहीं उनके खिलाफ़ ग्राम पंचायतों में बृहद स्तर पर अनिधिकृत सोलर लाइट लगवाने के लिये 64 लाख रुपये व्यय करने और कोटा ग्राम पंचायत में अनियमितता प्रकाश में आने के बाद भी कार्यवाही न करने का लगा आरोप भी लगाया गया है। निलंबन अवधि तक डीपीआरओ आरके भारती को पंचायती राज निदेशालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है।
By Santosh Jaiswal