सोनभद्र. लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से पानी का बढ़ता दबाव रिहंद बांध पर भी दिखता नजर आ रहा है। जिसके वजह से बांध के अभी तक नौ फोटक खोले जा चुके हैं अगर हालात ऐसे ही रहें तो जल्द ही सभी 13 फाटक खोल दिये जायेंगे। जब कि अगर हालत इसी तरह से बने रहे पानी का लगातार बढ़ता स्तर इसी तरह से ऊफान पर रहा तो बहुत जल्द ही रिहंद बांध का पानी लोगों के लिए मुसीबत बन सकता है। प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित यह बाढ़ एशिया का सबसे बड़ा बांध है। मूसलाधार बारिश के कारण सिल्ट व कचरे से पटा यह बांध भर गया है, जिससे पानी का स्तर खतरे के निशान को पार गया है। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए अभी भी जल स्तर 872 फ़ीट है बता दें कि पानी का जलस्तर इतना तेजी से बढ़ता जा रहा है कि बांध के नौ फाटक खोले जाने के बाद भी अभी भी 872 फ़ीट है। बता दें कि रिहंद डैम से जुड़े ओबरा डैम के भी चार फाटक खोले गए। तटवर्तीय इलाकों में हाई एलर्ट जारी। ओबरा और चोपन क्षेत्र के निचले इलाकों में लगातार पानी घुसता जा रहा है जिससे लोगों की परेशानी जल्द बढ़ सकती है। पूरे इलाके में हाई अलर्ट लगातार हालात यह बनते जा रहे हैं कि रिहंद से प्रति सेकंड एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ओबरा के 4 फाटक खुले जिससे 50 हजार क्यूसेक और जलविधुत इकाई से 11 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे कुल 61 हजार क्यूसेक पानी रेणुका में छोड़ा जा रहा हैष जिसकी वजह से पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। रेणुकूट, बिजुल सोन के तटवर्ती इलाकों के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानों व लेखपालों को सचेत कर दिया गया है। वहीं महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पिछले पांच साल से बांध के अनुरक्षण की आवश्यकता विशेषज्ञों द्वारा जतायी जाती रही है