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मुश्किल लग रहा था केस को सुलझाना सिधौली कस्बे के गांधीनगर मोहल्ले की रहने वाली एक महिला ने अपने घर में रखे 85 हजार रुपए व कुछ जेवरों के चोरी होने की रिपोर्ट 20 जुलाई को सिधौली कोतवाली में दर्ज कराई थी। महिला का मकान मोहल्ले में ऐसी जगह स्थित था जहां किसी के आने जाने की कोई गुंजाइश नहीं थी। इसलिए पुलिस के लिए यह एक ऐसा टास्क था जिसे सुलझा पाना काफी मुश्किल नजर आ रहा था। सच जानकर हैरान हो गए कोतवाल पहले पुलिस की नजर घर में रहने वाली दो किराएदार लड़कियों पर गई, लेकिन पुलिस की तफ्तीश इस दिशा में आगे नहीं बढ़ सकी। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट लिखाने वाली महिला के 8 व 12 साल के दो लड़कों से यूं ही कुछ बातचीत शुरू की। बातचीत में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जिससे खुद विवेचना कर रहे सिधौली के कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी के पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई।
घर वालों से छुपाकर बनाई थी आईडी कोलवाल को जानकारी मिली थी कि यह बच्चे एंड्राइड मोबाइल पर एक ऑनलाइन गेम खेलते हैं। कोतवाल ने पहले समझाते हुए और फिर कुछ डर दिखाते हुए बच्चों से जब पूछताछ की तो पता चला कि उनके इस गेम में उसे मिलाकर कुल तीन बच्चे शामिल थे। दो लड़के राजस्थान के रहने वाले है। आगे की तफ्तीश में यह भी पता चला कि गेम में बेहतरीन सुविधाओं को लेने के लिए बच्चों द्वारा एक आईडी अपने घरवालों से छुपा कर बनाई गई है और अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक बार 14 हजार व एक दो बार और भी छोटे-छोटे पेमेंट किए गए।
पुलिस ने वापस मंगाए पैसे चुराए गए 85 हजार रुपए में से 35 हजार नकद व छिपाए गए जेवर पुलिस ने बरामद किए हैं। पूछताछ में राजस्थान के रहने वाले लड़के से भी पुलिस ने बात की और उसे भेजा गया कुछ पेमेंट ऑनलाइन ही वापस पीड़ित महिला के अकाउंट में मंगवाया।