आजम खान की गिरफ्तारी पर अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी बदले की भावना से की गई किसी भी कार्रवाई को उचित नहीं मानती। उन्होंने कहा कि रागद्वेष से सरकारें काम नहीं कर सकतीं। सपा न्यायिक प्रणाली पर भरोसा करती है। अदालत पर विश्वास है कि वहां से सभी को न्याय मिलेगा। सरकार का यह संवैधानिक दायित्व है कि बिना भेदभाव के सबके साथ न्याय करे।
अफरा-तफरी के बीच सांसद आजम, इनकी पत्नी और पुत्र को सीतापुर कारागार में दाखिल कराया। सांसद आजम और इनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम खान जेल की विशेष सुरक्षा बैरिक में रखे गए हैं। पत्नी विधायक तंजीन फातिमा महिला वार्ड में हैं। सांसद और उनके परिवार से मिलने आए रामपुर के कई लोगों को पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ा। किसी को भी आजम खान से मिलने की अनुमति नहीं मिली।
अब्दुल्ला के 2 बर्थ सर्टिफिकेट्स का मामला आजम और उनकी पत्नी-बेटे के खिलाफ कुल 83 मुकदमे दर्ज हैं। कुछ में गिरफ्तारी पर उन्हें स्टे मिल गया। कुछ में जमानत मिल गई। कई में गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी। अब ऐसे मामलों में पुलिस जेल में ही वॉरंट तामील करा सकती है। जिस मामले में आजम परिवार ने आत्मसमर्पण किया, वह 2017 में रामपुर जिले की स्वार सीट से विधायक बने आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम से जुड़ा है। उनके खिलाफ दो-दो जन्म प्रमाणपत्र, दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने के आरोप लगे और एफआईआर दर्ज हुई थी।
तब रद्द कर दी गई थी विधायकी बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल एफआईआर में आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आजम खान और उनकी पत्नी ने झूठा शपथपत्र दिया था। पुलिस जांच में पाया गया था कि एक जन्म प्रमाणपत्र जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्शाकर रामपुर नगर पालिका से बनवाया है और दूसरे में जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दिखाकर लखनऊ के अस्पताल से बनवाया था। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर दिसंबर, 2019 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी।
गिरफ्तारी पर राजनीति गर्म आजम खान की गिरफ्तारी से पूरे प्रदेश में हलचल मच गई। सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी ने बदले की भावना की संज्ञा दी। तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम गंदगी साफ कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी रूप में हो। उन्होंने यह भी कहा कि रामपुर में बिजली बहुत चमक रही है, बिजली चमकती है तो फालतू वायरस नहीं पैदा होते। यूपी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि आज़म खान की गिरफ्तारी कोर्ट के आदेश से हुई है। उनकी जेल बदली गई है, तो ये फैसला जिला प्रशासन ने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए लिया है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई बदले की भावना नहीं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पूरी कार्रवाई बदले की भावना से की गई है।
तीसरी बार जेल गए आजम सपा सांसद आजम खां तीसरी बार जेल गए हैं। वह छात्र जीवन में इमरजेंसी और सपा के हल्ला बोल आंदोलन में भी जेल गए थे, लेकिन इस बार जेल जाने का मामला पहले दोनों बार से अलग है। जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। उस समय इमरजेंसी के खिलाफ बोलने वालों में आजम खां भी शामिल थे। तब उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। करीब छह माह जेल में रहे थे। वर्ष 1998 में सपा के हल्ला बोल आंदोलन के दौरान भी आजम खां ने भी गिरफ्तारी दी थी और तीसरे दिन रिहा हुए थे।