बुद्धिराजा ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा कि हरियाणा की मौजूदा सरकार ने 22 साल बाद छात्रसंघ चुनाव कराने का फैसला कर सही कदम उठाया है लेकिन सरकार अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराना चाहती है। एनएसयूआई इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई लगातार मांग करती आ रही है कि छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही करवाएं जाएं। बुद्धिराजा ने कहा कि एनएसयूआई ने प्रदेश में कुछ और छात्र संगठनों की राय ली है और उन सभी ने छात्रसंध चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराए जाने की राय प्रकट की है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंध चुनाव कराने की मांग मनवाने के लिए एनएसयूआई ने ज्वाइन्ट स्टूडेंट कमेटी के गठन की पहल की है। इस कमेटी में शामिल होने के लिए वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन समेत सभी छात्र संगठनों को खुला आमंत्रण दे रहे हैं। इस कमेटी के गठन का किसी दल विशेष से सम्बन्ध न होकर मात्र छात्र हितों से ही सम्बन्ध होगा। उन्होंने कहा कि सभी छात्र संगठनों के एकजुट होकर मांग करने पर भी सरकार प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मांग मंजूर नहीं करती है तो छात्रसंघ चुनावों के बायकाट का फैसला भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा अप्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनावों में कई बुराइयां है। पहले तो इस प्रणाली में स्वाभाविक तरीके से तैयार होने वाले छात्रनेता की उपेक्षा होती है दूसरे धन और बाहुबल का बोलबाला हो जता है। बुद्धिराजा ने कहा कि जैसे ही छात्र संगठन उनके इस आमंत्रण को स्वीकार करते हैं वैसे ही बातचीत और ज्वाइंट स्टूडेंट कमेटी के गठन के लिए स्थान और समय तय कर लिया जाएगा। संगठन इस मांग को लेकर अपने स्तर पर भी आंदोलन शुरू करने जा रही है। इसके लिए अम्बाला,कुरूक्षेत्र,जींद,भिवानी,नूंह व पलवल में विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम तय किए गए है।