सिरोही. जिले के भारजा-सरूपगंज क्षेत्र में खुलेआम अवैध रूप से पत्थर खनन किया जा रहा है और खनन विभाग की मौन स्वीकृति सवाल खड़े कर रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अवैध खनन स्थल पर भूखंड बनाकर लीज पर देने का प्रस्ताव भेजा है। यह बयान उनकी लाचारी ही व्यक्त कर रहा है। आखिर विभागीय अधिकारी कार्रवाई को लेकर बेबस क्यों हैं? आखिर अवैध खनन का कार्य किसकी शह पर चल रहा है? क्या वाकई अवैध खनन की जानकारी प्रशासन, पुलिस व खनन विभाग के पास नहीं है? क्षेत्र में अवैध खनन का जिम्मेदार कौन है और किसके इशारे पर पत्थरों का खनन कर बेरोकटोक परिवहन किया जा रहा है? अगर कड़ी निगरानी होती तो अवैध खनन नहीं होता। ऐसे में जाहिर है कि किसी रसूखदार की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।
खनन विभाग की ओर से तमाम दावे किए जा रहे हैं। खनिज अभियंता सरूपगंज-रोहिड़ा क्षेत्र में अवैध खनन रोकथाम को लेकर दो-तीन बार जा चुके हैं जबकि हकीकत यह है कि सरूपगंज क्षेत्र के सांगवाड़ा, खाखरवाड़ा, नितोड़ा व रोहिड़ा क्षेत्र के भारजा, तरुंगी, भीमाणा, वाटेरा, हीरावाला, निम्बज माता व लोदराव माता क्षेत्र में अवैध खननकर्ताओं ने पहाडिय़ों को छलनी कर दिया है। इतना ही नहीं, यहां पर अवैध रूप से खनन कर पत्थरों को निर्माण स्थलों तक भेजा जा रहा है। यहां पत्थर व पत्थरों के छोटे टुकड़े भरी ट्रैक्टर-ट्रोलियां दिनभर सरपट दौड़ती नजर आती हैं। कई जगह पर लोगों की जरूरत के आधार पर पत्थरों की कालाबाजारी भी की जा रही है। पूर्वमें १ हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर-ट्रोली की दर से पत्थर बेचे जाते थे, लेकिन वर्तमान में १ हजार ५00 से १ हजार ८00 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं। रोहिड़ा थाना क्षेत्र के भारजा में अवैध खनन स्थल पर पत्थर गिरने से एक युवक की मौत हो चुकी है लेकिन इस मामले में कार्रवाई के नाम पर पुलिस-प्रशासन ने महज लीपापोती कर इतिश्री कर ली। अब प्रशासन व खान विभाग को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।
खनन विभाग की ओर से तमाम दावे किए जा रहे हैं। खनिज अभियंता सरूपगंज-रोहिड़ा क्षेत्र में अवैध खनन रोकथाम को लेकर दो-तीन बार जा चुके हैं जबकि हकीकत यह है कि सरूपगंज क्षेत्र के सांगवाड़ा, खाखरवाड़ा, नितोड़ा व रोहिड़ा क्षेत्र के भारजा, तरुंगी, भीमाणा, वाटेरा, हीरावाला, निम्बज माता व लोदराव माता क्षेत्र में अवैध खननकर्ताओं ने पहाडिय़ों को छलनी कर दिया है। इतना ही नहीं, यहां पर अवैध रूप से खनन कर पत्थरों को निर्माण स्थलों तक भेजा जा रहा है। यहां पत्थर व पत्थरों के छोटे टुकड़े भरी ट्रैक्टर-ट्रोलियां दिनभर सरपट दौड़ती नजर आती हैं। कई जगह पर लोगों की जरूरत के आधार पर पत्थरों की कालाबाजारी भी की जा रही है। पूर्वमें १ हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर-ट्रोली की दर से पत्थर बेचे जाते थे, लेकिन वर्तमान में १ हजार ५00 से १ हजार ८00 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं। रोहिड़ा थाना क्षेत्र के भारजा में अवैध खनन स्थल पर पत्थर गिरने से एक युवक की मौत हो चुकी है लेकिन इस मामले में कार्रवाई के नाम पर पुलिस-प्रशासन ने महज लीपापोती कर इतिश्री कर ली। अब प्रशासन व खान विभाग को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।