गैस चुल्हे पर गड्डियां जलाते मिला तहसीलदार
एसीबी अधिकारियों ने समझाइश कर दरवाजा खोलने का आग्रह कियाए लेकिन जैन ने दरवाजा नहीं खोला। एसीबी के आग्रह पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। करीब पौने घंटे प्रयास के बाद पुलिस ने कटर से दरवाजा तुड़वाया। पुलिस व एसीबी अंदर पहुंची तो तहसीलदार कल्पेश जैन रसोई में गैस के चुल्हे पर नोटों की गड्डियां जलाते मिला। लाखों रुपए की अधजली मुद्रा मौके पर मिली। जिन्हें जब्त किया गया। एसीबी को अंदेशा है कि 15.20 लाख रुपए जलाए गए हैं। यदि कटर से दरवाजा तोडकऱ अंदर नहीं पहुंचते तो सारे रुपए जला दिए जाते।
एसीबी अधिकारियों ने समझाइश कर दरवाजा खोलने का आग्रह कियाए लेकिन जैन ने दरवाजा नहीं खोला। एसीबी के आग्रह पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। करीब पौने घंटे प्रयास के बाद पुलिस ने कटर से दरवाजा तुड़वाया। पुलिस व एसीबी अंदर पहुंची तो तहसीलदार कल्पेश जैन रसोई में गैस के चुल्हे पर नोटों की गड्डियां जलाते मिला। लाखों रुपए की अधजली मुद्रा मौके पर मिली। जिन्हें जब्त किया गया। एसीबी को अंदेशा है कि 15.20 लाख रुपए जलाए गए हैं। यदि कटर से दरवाजा तोडकऱ अंदर नहीं पहुंचते तो सारे रुपए जला दिए जाते।
तहसीलदार के अधीन रह चुका है आरआइ
एसीबी का कहना है कि आरआइ पर्वतसिंह स्वरूपगंज से पहले सिरोही में पदस्थापित रहा था। तहसीलदार कल्पेश जैन के मातहत आरआइ कार्यरत था। स्वरूपगंज स्थानान्तरण होने के बाद भी वह तहसीलदार के लिए रिश्वत लेता रहा।
एसीबी का कहना है कि आरआइ पर्वतसिंह स्वरूपगंज से पहले सिरोही में पदस्थापित रहा था। तहसीलदार कल्पेश जैन के मातहत आरआइ कार्यरत था। स्वरूपगंज स्थानान्तरण होने के बाद भी वह तहसीलदार के लिए रिश्वत लेता रहा।