-केन्द्र में संवेदनशील गवाहों के बयान होंगे रिकॉर्ड, वीडियो कान्फ्रेन्स से बयान की सुविधा – न्यायाधिपति बिरेन्द्र कुमार एवं फरजन्द अली ने केन्द्र का किया शुभारम्भ सिरोही. शहर के स्वरूपविलास परिसर सिरोही में राजस्थान का पहला अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र स्थापित किया गया। राज्य के इस पहले अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र का शुभारम्भ शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति बिरेन्द्र कुमार एवं न्यायाधिपति फरजन्द अली ने किया। न्यायाधिपतिगण के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात राजकीय बालिका विद्यालय की छात्राओं की ओर से न्यायाधिपति का तिलक लगाकर अभिनंदन किया। इस दौरान न्यायाधिपतिगण ने शिलापट्टिका का अनावरण व नवीन भवन में फीता काटकर अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र का शुभारंभ किया। उसके पश्चात न्यायाधिपति ने अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र के कक्षों का निरीक्षण किया एवं केन्द्र के बाहर पौधारोपण किया।
इस दौरान जिला एवं सेशन न्यायाधीश रूपा गुप्ता ने पुष्प भेंट कर न्यायाधिपतिगण का सम्मान किया। जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं समस्त न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ताओं ने भी अतिथियों का स्वागत किया।
वीडियो कान्फ्रेन्स से बयान की सुविधा कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सेशन न्यायाधीश रूपा गुप्ता ने न्यायाधिपति के आगमन पर उनका आभार प्रकट किया एवं उदबोधन में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एवं राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस प्रकार के केन्द्रों की स्थापना की जा रही हैं। जिसमें राजस्थान में ऐसा पहला केन्द्र सिरोही जिला मुख्यालय पर स्थापित किया गया है। अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र में संवदेनशील गवाहों जैसे कि यौन उत्पीडऩ के पीडि़तों, बच्चों या उन गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे, जो गवाही देने के दौरान डऱ या तनाव महसूस करते हैं। केन्द्र में वीडिय़ोंकान्फ्रेन्स से बयान की सुविधा, आरामदायक वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे गवाह के मानसिक तनाव में कमी और साक्ष्य की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित होगा। इसके अलावा गवाहों को डराने-धमकाने वाले मामलों पर रोकथाम और ऐसे गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। जिसके लिए केन्द्र में सहज एवं सुविधायुक्त गवाह बॉक्स और पृथक आरोपी बॉक्स की व्यवस्था की गई है।
समाज के हर नागरिक की न्याय तक पहुंच हो-न्यायाधिपति मुख्य अतिथि न्यायाधिपति बिरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में रूल ऑफ लॉ के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि कानून का राज्य हो, यह अपेक्षा समाज के सारे वर्गों को है, चाहे वह किसी भी व्यवसाय से जुड़ा हो, वह जानना चाहता है कि क्या कानून है। हमें किस कानून की पालना करनी है, कानून में हमारा क्या अधिकार है, के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की एवं बताया कि समाज के हर नागरिक की न्याय तक पहुंच हो।
विशिष्ट अतिथि न्यायाधिपति फरजन्द अली ने अपने उद्बोधन में कहा कि न्याय प्रदान करना ही न्यायपालिका का अंतिम लक्ष्य हैं। न्याय समाज के लिए प्राण वायु है। ऐसे पीडि़त, जिनके प्रति किए गए अपराध एवं अत्याचार के संबंध में अगर उनको अनुकूल वातावरण ना मिले तो वह न्याय गृहण करने में विफल हो सकते हैं और न्यायालय उसके असहाय होने व न्यायालय तक पहुंच न होने के कारण न्याय प्रदान करने में विफल भी हो सकता है। इसी क्रम में अतिसंवेदनशील गवाह बयान केन्द्र एक महत्वपूर्ण पहल है।
ये रहे मौजूद समारोह में मुख्य अतिथि न्यायाधिपति बिरेन्द्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि न्यायाधिपति फरजन्द अली उपस्थित रहे। साथ ही जिला न्यायाधीश रूपा गुप्ता, जिला कलक्टर अल्पा चौधरी, न्यायाधीश, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मीनाक्षी शर्मा, विशिष्ठ न्यायाधीश पॉक्सो प्रकरण अनूप कुमार पाठक, न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय सुरेन्द्र सिंह सान्दू, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामदेव सान्दू, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश चांवला, न्यायिक मजिस्ट्रेट वीना सुवालका, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनिवाल, बार अध्यक्ष पूरणसिंह देवड़ा सहित सिरोही के समस्त अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक कर्मचारी उपस्थित रहे।