उत्तरी भारत में हो रहे भारी हिमपात के असर से यहां सर्दी के तीखे तेवरों से लोग खासे प्रभावित दिखे। जिसके चलते लोगों की दिनचर्या विलंब से आरंभ होने के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठान भी देर से खुले। दांत किटकिटा देने वाली ठंड से लोगों को भारी परेशानियां हुई। शीतलहर के बीच सैर सपाटे को आए देसी-विदेशी सैलानियों ने दिन के समय भी गर्म कपड़ों के सहारे दर्शनीय स्थलों का अवलोकन किया।
घरों के बाहर रात को खड़े किए वाहनों की छतों, सोलर प्लेटों, पेड़-पौधों के पत्तों, खुले मैदानों, उद्यानों में खिले फूलों, घास पर सवेरे बर्फ की सफेद चादर जमी हुुई देखी गई। दिन में आसमान साफ रहने की वजह से निकली अच्छी धूप का सेवन करने को लोगों का उद्यानों, घरों की छतों, चौराहों पर जमावड़ा लगा रहा। शाम ढलते ही सर्दी के थपेड़ों से बचने के लिए लोगों ने भारी-भरकम ऊनी कपड़ों का सहारा लिया।
सर्दी के प्रकोप के चलते ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सवेरे उनकी ओर से उत्पादित सब्जियों, दूध आदि को शहर में पहुंचाने के लिए भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिससे वे बिलंब से ही शहर में पहुंचकर सब्जियां व दूध को बेच सके।
देश-विदेश से आए सैलानियों ने दिन में नक्की झील में नौका विहार, सर्दी के बीच आइसक्रीम सेवन, गरमा गरम मूंगफली का जायका, अमेरिकन भुट्टे, घोड़े की सवारी, बाबा गाड़ी की सवारी, वादियों के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हुए पर्यटन स्थल माउंट आबू की यात्रा को यादगार बनाने के लिए फोटोग्राफी का आनंद लिया।