चोर गैंग जो नहीं रखती मोबाइल, कार की लाइट से करते हैं पहचान
पुलिस ने बताया कि अंतर्राज्यीय चोर गैंग के सदस्य अपने पास में मोबाइल नहीं रखते, इसके चलते पुलिस को भी उनको पकड़ने में मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी वारदात करने जाते समय मिलने का स्थान तय करते हैं। इसके बाद वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग के सभी सदस्य तय समय पर गांव से बाहर सडक किनारे झाडियों में छुपकर खडे हो जाते है। उनको लेने के लिए पुन: कार तय स्थान पर आती है एवं उक्त कार की पहचान के लिए कार के उपर फोगलाईट लगी होती हैं। जिसे देखकर आरोपी कार आते ही कार पर टॉर्च की रोशनी डालकर इसारा करते हैं और कार रुकने पर बैठकर फरार हो जाते है।
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आरोपियों ने तीन राज्यों में नौ वारदातें कबूली
थाना अधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने कई वारदातें कबूली है। जिनमें सिरेाही के नितोडा सरुपगंज गांव में 23-24 मई की रात्री को पांच मकानों के ताले तोड़कर लाखों की नकदी व जेवरात चोरी करना, रेवदर में 11-12 मई की रात्रि को तीन-चार मकानों के ताले तोडकर नकदी व जेवरात चोरी करना, सिरोही कस्बे में 30 अप्रेल व 1 मई की रात्रि को चार पांच मकानों के ताले तोडकर वारदात को अंजाम देना, पाली- जोधपुर रोड पर पाली से करीब 20 किमी आगे हाइवे पर एक गांव में रात्री को चार पांच घरों के ताले तोडकर नकदी चोरी करना, पाली में ओम बन्ना मंदिर व सोजत के बीच एक गांव में रात्री को तीन चार घरों के ताले तोडकर वारदात करना, गुजरात राज्य के दाहोद व गोधरा के बीच एक गांव में तीन मकानों के ताले तोडकर नकदी व जेवरात चोरी करना, साण्डेराव टोल प्लाजा ( पाली ) से करीब 8-10 किमी . आगे गांव में रात्री को पांच मकानों के ताले तोडना व एक मकान से नकदी व चांदी के जेवरात चोरी करना, झालावाड पाटन में कोटा बायपास रोड पर रात्री को तीन मकानों के ताले तोडकर नकदी व जेवरात चोरी करना, रतलाम के ब्यावरा गांव में रात्री को सात-आठ मकानों के ताले तोड़कर नकदी व जेवरात चोरी करना कबूला है।
चोरों को पकड़ने में इस टीम का रहा योगदान
एसपी ने बताया कि अंतर्राज्यीय गैंग को पकड़ने में सरूपगंज थाना प्रभारी हरिसिंह राजपुरोहित, एएसआई राजेन्द्रसिंह, हैड कांस्टेबल जगदीश कुमार, कांस्टेबल बजरंगलाल, बाबुलाल, ओमप्रकाश, दिनेश कुमार, तेजाराम, छगनलाल, रामलाल, दिनेश कुमार व सुखदेव की गिरफ्तारी में अहम भूमिका रही। इसके अलावा हैड कांस्टेबल जगदीश कुमार, कांस्टेबल बजरंगलाल व बाबुलाल का विशेष योगदान रहा।
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महाराष्ट्र, एमपी व राजस्थान के विभिन्न थानों में दर्ज हैं मामले
उक्त गैंग के लोग आदतन रात्री में चोरी, नकबजनी करते हैं। जो अलग अलग शहरों व गांवों में संगठित रूप से वारदात को अंजाम देते हैं। गैंग का एक भी सदस्य अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखता। जिससे उनको ट्रेस करने में पुलिस को काफी परेशानी होती है। आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र, एमपी व राजस्थान के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज है।