उन सभी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारिम्भक मुख्यालय की ओर से पीइइओ, सीबीइओ आदि की आदि की ओर से शिविर लगाकर या बैठक कर पूरी सूचना संकलित करनी होगी। यह सूचना 23 दिसम्बर तक निदेशालय को देनी होगी। इसमे खास यह है के जिला शिक्षा अधिकारी प्रारिम्भक शिक्षा मुख्यालय के अधीनस्थ कोई भी कार्यालय सीधी सूचना निदेशालय नहीं भेज सकते है।
यह मांगी है सूचना
निदेशालय की ओर से दी कार्मिकों की संख्या के तहत नौ से अधिक तरह की जानकारी मांगी है। इसमें कार्मिक का नाम, अनुदानित संस्था में की गई सेवा अवधि, अनुदानित संस्था में की प्रमाणिक सेवा अवधि, सीपीएफ खाते में जमा की गई राशि, सीपीएफ खाते में जमा राशि कार्मिक की ओर से प्राप्त करने की तिथि, राशि वापस जमा करवाई गई तो उसकी तिथि, एनपीएस में जमा राशि, क्या कार्मिक 1 अप्रेल 2024 को कार्यरत था व सेवानिवृत्ति तिथि के साथ न्यायालय के प्रकरण की जानकारी मांगी गई है।सबसे अधिक कार्मिक अजमेर में
प्रारिम्भक शिक्षा विभाग के तहत वर्ष 2011 में अनुदानित संस्थाओं से राजकीय संस्थाओं में सबसे अधिक 272 कार्मिक अजमेर जिले में समायोजित किए गए थे। इसी तरह भीलवाड़ा में 62, नागौर में 34, भरतपुर में 27, धौलपुर में 9, बीकानेर में 120, हनुमानगढ़ में 43, गंगानगर में 178, चूरू में 98, झुंझुनूं में 103, सीकर में 79, अलवर में 86, जयपुर में 258, बाड़मेर में 5, जैसलमेर में 2, जोधपुर में 250, झालावाड़ में 4, कोटा में 34, जालोर में 4, पाली में 1, सिरोही में 7, बांसवाड़ा में 1, प्रतापगढ़ में 13, राजसमंद में 9 व उदयपुर में 143 कार्मिक समायोजित किए गए थे। यह भी पढ़ें
इस तारीख से शुरू होंगे राजस्थान के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश, इतने दिन रहेंगे बंद
इनका कहना है
ये कार्मिक वर्ष 2011 में समायोजित हुए थे। इनका वेतन, एसीपी, सेवा निवृत्ति के अंतिम माह तक अनुदानित संस्था में ज्वाइन करने की दिनांक से रखा गया है। ऐसे में पेंशन की गणना भी उसी ज्वाइन तिथि से की जानी चाहिए।महेन्द्र पाण्डे, मुख्य महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ