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गुजरात के कारीगर बनाते हैं घी की प्रतिमाएं
महोत्सव के दौरान जावाल में घी की प्रतिमाएं बनाने के लिए गुजरात के खेड़ा जिले से कारीगरों की टीम को बुलाया जाता है, जो कि एक सप्ताह तक दिन रात मेहनत कर प्रतिमा तैयार करती हैं।
नवरात्रा तक ठंड में रखते हैं घी की प्रतिमा
घी से बनी प्रतिमाओं को ठंडा रखने के लिए वातानुकूल पांडाल बनाया जाता है। जहां कमरे में रखी घी मूर्तियों को ठंडा रखने के लिए दोनों तरफ कूलर लगाकर माइनस 0 से -1 डिग्री तापमान में रखा जाता है। ताकि प्रतिमाएं पिघले नहीं।
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21 साल में इन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बना चुके
चामुंडा गरबा मंडल के नारायण लाल सुथार ने बताया कि 2003 से हर नवरात्र में घी से प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। अब तक महाकाली, अबे माता, महिषासुर मर्दिनी, मां पार्वती-शिवजी आराधना करते हुए, रामेश्वर में श्री राम शिवलिंग की पूजा करते हुए, बाबा रामदेव, हरजी भाटी, डाली बाई समेत कई मूर्तियां बना चुके हैं। इस बार नंदी के साथ मां पार्वती व शिवजी भगवान की 251 किलो से घी से प्रतिमा का निर्माण किया गया है।