सिरोही. शहर में मास्टर प्लान की इस तरह अवहेलना हुई कि यहां पन्द्रह-बीस फीट की छोटी-छोटी गलियों तक में देखते ही देखते नियम विरुद्ध कॉम्पलेक्स खड़े कर दिए गए। जहां सेटबैक तो दूर, पार्किंग तक की जगह नहीं छोड़ी। कुछेक कॉम्पलेक्स का तो अब भी नियम विरुद्ध निर्माण जारी है। अवहेलना के ये मामले जाहिर करने इसलिए जरूरी है कि यहां के विधायक संयम लोढ़ा ने हाल ही में विधानसभा में मास्टर प्लान की अवहेलना पर चिंता जाहिर की थी। कहा था कि हाईकोर्ट की ओर से डॉ गुलाब कोठारी के मास्टर प्लान के फैसले के अनुरूप छोटे से लेकर बड़े शहरों में नियम विरुद्ध निर्माण हो गए, लेकिन अधिकारियों की ओर से क्रियान्विति नहीं करवाई जा रही। यानी हर छोटे शहर तक में अवहेलना हो रही है।
ये प्रावधान और हो रहा मनमर्जी का खेल… मास्टर प्लान प्रावधानों के अनुसार शहर के प्रारूप या मास्टर प्लान के अनुमोदन से दो साल तक राज्य सरकार की पूर्वानुमति के बिना सभी प्रकार के भू-उपयोग परिवर्तन निषेद्ध है। ऐसे में सिरोही की कुछ पत्रावलियों को जोधपुर वरिष्ठ नगर नियोजक ने आवासीय से वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ भू-उपयोग परिवर्तन के लिए तकनीकी रूप से खारिज कर दिया था। उनको नियम विरूद्ध जाकर सिरोही नगरपरिषद के एटीपी व अधिकारियों ने तकनीकी रूप से सहमति जताते हुए अनुमति दे दी।
दिखवाता हूं… बिना पार्किंग या सेटबैक के कॉम्पलेक्स बना नहीं सकते हैं। सिरोही में यदि कहीं नियम विरुद्ध कॉम्पलेक्स खड़े हो रहे हैं या हुए हैं तो उनको दिखवाता हूं। -पवन, एटीपी, नगर परिषद, सिरेाही
जोनल प्लान बनाकर भेजा है… नगरपरिषद के आयुक्त महेन्द्रसिंह चौघरी से जब पूछा गया कि सिरोही में नियम के विरुद्ध कॉम्पलेक्स खड़े हो गए या हो रहे तो आप क्या कर रहे थे। उन्होंने इसका सीधा तो कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि पुराने होंगे नए नहीं होंगे। जब उनसे कहा गया कि अब भी कुछेक जगह पर निर्माण जारी है तो फिर गोलमोल बोले कि ऐसा है तो दिखवाता हूं। वैसे जोनल प्लान बनाकर भेजा गया है।
यह है नियम