माउंट आबू निवासी कुमार कारंडे ने बताया कि वे कुर्सी से उठकर सोने की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक बादलों की जोरदार गर्जना जैसी आवाज आने लगी। कुर्सी, चारपाई, पंखा आदि हिलने लगे। भूकंप की महसूसता होने पर आस-पास के लोग भी घरों से बाहर आ गए।
धनजंय डोंबे का कहना है कि गहरी नींद में सोए थे कि अचानक किचन से बर्तन गिरने की आवाज आई। उठकर देखा तो भूकंप से घर की कई चीजें हिलती हुई नजर आईं। घर में सोए हुए अन्य लोगों को जगाकर बाहर जाने को कहा। घरों में सोए हुए कई लोग भूकंप का झटका महसूस होने से बाहर आ गए।
देर तक घरों से बाहर रहने के बाद लोग घरों के अंदर चले गए। कई लोगों को गहरी नींद में सोए होने से भूकंप के आने का मालूम ही नहीं हुआ। ओरिया, अचलगढ़, सालगांव, जवाई, गुरुशिखर, आरणा, उत्तरज, शेरगांव आदि ग्रामीण क्षेत्रों से भी भूकंप आने के समाचार मिले हैं। कहीं से कोई जानमाल के नुकसान के समाचार नहीं है। गत 10 नवम्बर को भी सवेरे 7 बजकर 51 मिनट पर पांच से छह सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।