देर शाम अचानक से तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया। इससे सरई तहसील क्षेत्र के बरका, सर्राटोला, कठदहा, महरैल, सेमरिया टोला, पिपरी, नरूा टोला सहित अन्य गांवों में ओलावृष्टि हुई है। गेहूं, चना, सरसो, अरहर की फसल को नुकसान हुआ है। सोमवार की शाम हुई ओलावृष्टि से किसान तबाह हो गए हैं। हालांकि राजस्व अधिकारियों ने हल्का पटवारियों को सर्वे पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है।
मौसम का रूख बदला
पिछले कुछ दिनों से मौसम का रूख बदल गया है। ठंडी हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी का दौर चल रहा है। इस बीच जिले के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई है। सरई तहसील के अलावा बाकी के तहसीलों में राजस्व अधिकारियों को मालूम नहीं है कि क्षेत्र में कहां कितनी बारिश और ओलावृष्टि हुई है।
अलग-अलग तहसीलों के अधिकारी अभी तक ओलावृष्टि नहीं होने का दावा कर रहे हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के होने की जानकारी किसान बता रहे हैं। सरई तहसील के कुछ गांवों में ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। जिससे किसान चिंता में हैं।
सब्जियों में टमाटर ज्यादा प्रभावित
किसानों के खेत में लगाई गई सब्जी की फसलों को भी नुकसान हुआ है। सीजन में बिकने वाली सब्जियों में ओला व बारिश के चलते पौधे पीले पड़ सकते हैं। जिससे उत्पादन में कमी आएगी। सब्जियों में ज्यादातर टमाटर प्रभावित हुआ है। तेज आंधी और बारिश के चलते अभी किसानों को डर सता रहा है कि कहीं बारिश का दौर फिर शुरू न हो जाए। अभी तक हुई बारिश में किसानों को नुकसान तो हुआ है मगर यह क्रम जारी रहा तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।
डरा रहा मौसम का बदला तेवर
मौसम में इस बदलाव को देखकर किसानों में चिंता है। किसानों को आशंका है कि यह स्थिति एक-दो दिन और रहती है तो गेहूं की फसल न केवल पीली पड़ जाएगी बल्कि उसमें रोग पनप सकते हैं और कीट आदि का प्रकोप हो सकता है। इससे पौधों की वृद्धि रूकने और उपज घट जाने की स्थिति हो सकती है। नगवा निवासी राजकुमार सहित अन्य किसानों के अनुसार बीते सप्ताह खेतों में गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और पौधों की बढ़वार भी हो रही थी। मगर बारिश होने के बाद गेंहू की फसल पीला हो गया है और उत्पादन प्रभावित होने का डर है। मौसम में इस बदलाव ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है।