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सिंगरौली

स्वच्छता सर्वेक्षण में सिंगरौली 24 वें स्थान से लुढक़ कर 35 वें पर पहुंचा, प्रदेश में पिछला स्थान बरकरार

साफ-सफाई व कचरा पृथक्करण सहित अन्य कमियों के चलते लगातार तीसरी बार खराब हुई नेशनल रैंक ….

सिंगरौलीJan 12, 2024 / 10:08 pm

Ajeet shukla

Singrauli to 35th position in cleanliness survey, MP state rank repeat

Singrauli to 35th position in cleanliness survey, MP state rank repeat

सिंगरौली. स्वच्छता सर्वेक्षण में सिंगरौली का प्रदर्शन इस बार भी निराशाजनक रहा है। बाजार व रिहायशी इलाकों में साफ-सफाई व कचरा पृथक्करण सहित अन्य कमियों के चलते सिंगरौली नगर निगम पिछले वर्ष के 24 स्थान से 11 पायदान नीचे लुढक़ कर 35 वें पर पहुंच गया है। यह लगातार तीसरा मौका है, जब नगर निगम की रैंक खराब हुई है। प्रदेश में पिछले वर्ष का 7वां स्थान इस बार भी बरकरार है।
सर्वेक्षण की जारी रैंक में सिंगरौली को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शामिल किया गया है। वर्ष 2017 में सर्वेक्षण शुरू होने के बाद वर्ष 2018, 2019 और 2020 में जिले की रैंक लगातार बेहतर हुई है, लेकिन उसके बाद रैंक लगातार पीछे जा रही है।
सर्वेक्षण के निर्धारित छह मानकों पर हुए सर्वे में जिले को तीन में तो शत-प्रतिशत अंक मिले हैं, लेकिन बाजार व रिहायशी इलाकों में साफ-सफाई के मामले केवल 52-52 फीसदी अंक ही प्राप्त हो सके हैं। रैंक प्रभावित होने के पीछे यही सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। बता दें कि 7294.10 अंक प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में सिंगरौली का 7 स्थान है। पिछले वर्ष भी जिले की प्रदेश में यही रैंक थी।
अब तक ये रही रैंक
वर्ष 2023 में 35 वीं रैंक
(एक लाख से अधिक की आबादी में)
वर्ष 2022 में 24 वीं रैंक
(1 से 10 लाख की आबादी में)
वर्ष 2021 में 16 वीं रैंक
(1 से 10 लाख की आबादी में)
वर्ष 2020 में 15 वीं रैंक
(3 से 10 लाख आबादी में)
वर्ष 2019 में 21 वीं रैंक
वर्ष 2018 में 23 वीं रैंक
वर्ष 2017 में 51 वीं रैंक
शहर का रिपोर्ट कार्ड
100 प्रतिशत अंक शहर के जल स्रोत की सफाई में
100 प्रतिशत अंक सार्वजनिक शौचालयों की सफाई में
100 प्रतिशत अंक कूड़ा-कचरा निवारण स्थलों की सफाई में
96 प्रतिशत अंक मिला है घर-घर कचरा उठाव की प्रक्रिया में
82 प्रतिशत अंक अपशिष्ट उत्पादन एवं प्रसंस्करण की प्रक्रिया में
75 प्रतिशत अंक स्रोत पृथक्करण की प्रक्रिया में
52 प्रतिशत अंक रिहायशी इलाकों की सफाई में
52 प्रतिशत अंक बाजार क्षेत्र की सफाई में
संभाग में सबसे बेहतर स्थिति
सिंगरौली में रैंक गत वर्षों की तुलना में भले ही खराब हुई हो, लेकिन संभाग के तीन नगर निगम में सिंगरौली अब भी अव्वल है। सिंगरौली जहां 7284.10 अंक के साथ 35 वें स्थान पर है। वहीं रीवा नगर निगम 7064.30 अंक के साथ 42 वें स्थान पर है। सतना की रैंक 91 है और उसे 6095.30 अंक प्राप्त हुए हैं।
प्राप्तांक में की बढ़ोतरी
सर्वेक्षण में नगर निगम ने इस बार अधिक अंक प्राप्त किया है। नगर निगम के उपायुक्त व स्वच्छता सर्वेक्षण के नोडल प्रभारी सत्यम मिश्रा के मुताबिक पिछले वर्ष 7500 पूर्णांक में 5400 यानी 72 फीसदी अंक मिले थे, लेकिन इस बार 9500 पूर्णांक में 7284.10 यानी 77 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा सिंगरौली संभाग के व आसपास के जिलों से अब भी आगे है।
फैक्ट फाइल
सिटीजन वाइस – 1695.5
गार्बेज फ्री – 3 स्टॉर
ओडीएफ सर्टिफिकेट – ओडीएफ प्लस-प्लस

अगले सर्वेक्षण के लिए बनाई गई ये योजना
– प्रदेश के बड़े नगरीय निकायों में स्वच्छता के लिए 100 से 150 करोड़ रुपए तक खर्च किए जाते हैं। वहीं सिंगरौली में स्वच्छता का बजट काफी कम है, बढ़ाएंगे।
– अगले सर्वेक्षण के पूर्व पूरे शहर में सभी वार्डों में बड़े पैमाने पर नवाचार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।
– जनता से सकारात्मक फीडबैक के लिए जनभागीदारी के माध्यम से सफाई को बढ़ावा दिया जाएगा।
– स्वच्छ भारत मिशन के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाएगा ।
– प्रत्येक स्थान पर थूकने और गंदगी फैलाने वालों को रोकने के लिए आईईसी गतिविधियों की बढ़ोतरी की जाएगी।
– एनसीएल और एनटीपीसी के वाहनों से रोड पर चलने में दौरान फैलने वाले फ्लाईऐश और कोल ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए वैक्यूम रोड स्वीपिंग मशीन के माध्यम से सडक़ों की सफाई की योजना है।
– रिहायशी इलाकों में एक दिन में दो बार और बाजार में तीन बाजार सफाई की जाएगी। कर्मी बढ़ाए जाएंगे।
कंपनियां खराब कर रहीं रेकॉर्ड
सर्वेक्षण में सिंगरौली की रैंक खराब होने के पीछे यहां संचालित कंपनियों की लापरवाही भी प्रमुख वजह है। एनसीएल व एनटीपीसी की कॉलोनियों व आसपास के क्षेत्रों में बिखरा कचरा जिले की रैंक प्रभावित होने की वजह बन रहा है। नगर निगम की ओर से कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी स्थिति में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। मुख्य मार्ग साफ कर कचरा को इधर-उधर फेकना रैंक प्रभावित होने की वजह मानी जा रही है।
ये मिली प्रतिक्रिया
– नगर निगम अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ सफाई कर्मियों की भारी कमी है। प्रदेश स्तर से भर्ती नहीं हो रही है। मस्टररोल में भर्ती के लिए एमएआइसी से मंजूर कर प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। सफाई कर्मियों की कमी के चलते रैंक प्रभावित हो रही है।
– रानी अग्रवाल, महापौर नगर निगम सिंगरौली।
– नगर निगम की ओर से कोशिश अच्छी की गई थी। कुछ कमियों के चलते रैंक प्रभावित हुई है। उसे दूर किया जाएगा। अधिकारियों के साथ इस विशेष बैठक कर रणनीति बनाएंगे। कंपनियों की ओर से फ्लाईऐश परिवहन में लापरवाही से रहवासियों में आक्रोश है। इसलिए बेहतर फीडबैक नहीं गया और रैंक प्रभावित हुई। आगे ऐसा नहीं होगा।
देवेश पाण्डेय, अध्यक्ष नगर निगम सिंगरौली।
– रैंक प्रभावित होने के पीछे सफाई कर्मियों की कमी सहित कई वजह रही है। उसे दूर किया जाएगा। फिर भी पिछले वर्ष की तुलना में इस बार प्राप्तांक प्रतिशत बढ़ा है। संभाग सहित आस-पास के अन्य जिलों में अब भी आगे हैं। रैंक प्रभावित होगी, इसका एहसास पहले से ही था। यही वजह है कि सिंगरौली विधायक, ननि अध्यक्ष सहित अन्य लोग भी जुट गए हैं।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त नगर निगम सिंगरौली।
– स्वच्छता अभियान में नगर निगम की ओर से काफी मेहनत की गई है। रहवासियों की अच्छी फीडिंग नहीं मिलने के चलते रैंक प्रभावित हुई है। अगली बार के लिए अभी से तैयारी की जा रही है। अगले सर्वेक्षण में नगर निगम हर हाल में बेहतर रैंक लाएगा। जनप्रतिनिधि के साथ रहवासियों में भी इस बार साफ-सफाई को लेकर उत्साह है। ये अभियान जारी रहेगा।
डॉ. डीके मिश्रा, ब्रांड एम्बेस्डर नगरनिगम सिंगरौली।
सिंगरौली का नगर निगम क्षेत्र बिखरा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र का अब भी बड़ा इलाका नगर क्षेत्र में है। व्यवस्था बनाई जा रही है। नगर निगम अधिकारियों से खुद स्वच्छता सर्वेक्षण के संबंध में बात करता हूं। सफाई कर्मियों की कमी सहित कुछ कारणों से रैंक जरूरत प्रभावित हुई है, लेकिन आगे अच्छा होगा। सभी मिलकर कार्य कर रहे हैं।
अरुण परमार, कलक्टर सिंगरौली।

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