कंपनी का यह रवैया संबंधित विभागों के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। वजह विभाग को दिया गया राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। राजस्व विभाग के साथ खनिज व वन विभाग पिछले कई महीनों से रिलायंस सासन पॉवर से बकाया राजस्व प्राप्त करने की कोशिश में लगा हुआ है।
तीनों विभागों की ओर से कंपनी को आधा दर्जन से अधिक बार नोटिस जारी की गई है। अधिकारियों के मुताबिक कंपनी पर खनिज विभाग की रायल्टी व डीएमएफ मिलाकर करीब 250 करोड़ रुपए, वन विभाग का परिवहन टैक्स मद में 27 करोड़ रुपए और राजस्व विभाग का भू-भाटक मद में करीब 2.24 करोड़ रुपए बाकी है। अधिकारियों का कहना है कि नोटिस जारी करने पर कुछ रकम जमा की गई, लेकिन वह नाकाफी है।
कंपनी ने शासन स्तर पर कर रखी है अपील
विभागीय सूत्रों की माने तो कंपनी अधिकारियों ने जहां राजस्व व वन विभाग से राशि जमा करने के लिए कुछ मोहलत मांगी है। वहीं दूसरी ओर खनिज विभाग की बकाया राशि में राहत पाने के लिए कंपनी द्वारा शासन स्तर पर अपील की गई है। इस संबंध में विभाग को अभी शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
विभागीय सूत्रों की माने तो कंपनी अधिकारियों ने जहां राजस्व व वन विभाग से राशि जमा करने के लिए कुछ मोहलत मांगी है। वहीं दूसरी ओर खनिज विभाग की बकाया राशि में राहत पाने के लिए कंपनी द्वारा शासन स्तर पर अपील की गई है। इस संबंध में विभाग को अभी शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश
इधर, वित्तीय वर्ष के मद्देनजर राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। कंपनी के पास बकाया राशि काफी अधिक है, इसलिए विभागों द्वारा राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा कर पाना संभव नहीं हो रहा है। जबकि जिला प्रशासन की ओर से लक्ष्य प्राप्त करने की नोटिस जारी हो चुकी है।
इधर, वित्तीय वर्ष के मद्देनजर राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। कंपनी के पास बकाया राशि काफी अधिक है, इसलिए विभागों द्वारा राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा कर पाना संभव नहीं हो रहा है। जबकि जिला प्रशासन की ओर से लक्ष्य प्राप्त करने की नोटिस जारी हो चुकी है।