कंपनी अधिकारियों के मुताबिक कोयला खनन व इससे जुड़े बिन्दुओं पर चर्चा के लिए एक ओर जहां अकादमिक क्षेत्र से बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, बीएचयू आइआइटी के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन, सिंफर के निदेशक प्रो. पीके सिंह उपस्थित होंगे। वहीं औद्योगिक जगत से बीइएमएल के सीएमडी डॉ. डीके होता व खुद एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा सहित अन्य दिग्गज उपस्थित होंगे।
तकनीकी क्षेत्र से देश के कई दिग्गजों के अलावा यूएसए से जैसन स्कॉट, सिंगापुर से प्रवीण मोहन व रूस से मित्री लेबनॉव जैसे विशेषज्ञ न केवल अपने-अपने अनुभव शेयर करेंगे। बल्कि कोयल खनन की तकनीकी को और बेहतर करने व लंबे समय तक उपयोगिता को बनाए रखने पर विचार प्रस्तुत करेंगे।
205 टन क्षमता के डंपर का उद्घाटन
दिग्गजों की मौजूदगी के अलावा कांफ्रेंस एक और मायने में खास होगी। दरअसल इस दौरान देश में बनाए गए अब तक के सबसे अधिक 205 टन की क्षमता वाले डंपर का भी उद्घाटन होगा। यह डंपर उद्घाटन के बाद से यहीं एनसीएल की अमलोरी परियोजना में अपनी सेवा देगा। देश में इतनी क्षमता का यह पहला डंपर है।
दिग्गजों की मौजूदगी के अलावा कांफ्रेंस एक और मायने में खास होगी। दरअसल इस दौरान देश में बनाए गए अब तक के सबसे अधिक 205 टन की क्षमता वाले डंपर का भी उद्घाटन होगा। यह डंपर उद्घाटन के बाद से यहीं एनसीएल की अमलोरी परियोजना में अपनी सेवा देगा। देश में इतनी क्षमता का यह पहला डंपर है।
उच्च तकनीकी मशीनों को होगा प्रदर्शन
कांफ्रेंस के दौरान लगाई जाने वाली प्रदर्शनी भी खास होगी। क्योंकि प्रदर्शनी खनन से संबंधित देश की दुर्लभ और उच्च तकनीकी आधारित मशीनों का प्रदर्शन होगा। इनमें से डै्रग लाइन मशीन की प्रस्तुति खास होगी। गौरतलब है कि खनन के क्षेत्र में कार्य करने वाली यह मशीने सबसे अधिक कुल 40 में से 22 मशीन केवल एनसीएल में कार्य कर रही हैं।
कांफ्रेंस के दौरान लगाई जाने वाली प्रदर्शनी भी खास होगी। क्योंकि प्रदर्शनी खनन से संबंधित देश की दुर्लभ और उच्च तकनीकी आधारित मशीनों का प्रदर्शन होगा। इनमें से डै्रग लाइन मशीन की प्रस्तुति खास होगी। गौरतलब है कि खनन के क्षेत्र में कार्य करने वाली यह मशीने सबसे अधिक कुल 40 में से 22 मशीन केवल एनसीएल में कार्य कर रही हैं।