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कंपनी जारी करती है करोड़ों का बजट, फिर भी मुसीबत झेल रहे हैं विस्थापित

अफसर केवल कागजों में खर्च कर रहे राशि....

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Hindalco release fund for colony in Singrauli, yet problem persists

Hindalco release fund for colony in Singrauli, yet problem persists

सिंगरौली. पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन मद में हिंडालको प्रबंधन की ओर से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का बजट उपलब्ध कराया जाता है। इसके बावजूद मझिगवां कॉलोनी के रहवासी मुसीबत झेल रहे हैं।

अधिकारियों की ओर से बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल कागजों में खर्च कर दिया जा रहा है। नतीजा विस्थापित कॉलोनी की स्थिति बदतर बनी हुई है। वहां के आवासों की स्थिति देखकर सहज की विस्थापितों की समस्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कंपनी के सूत्रों की माने तो विस्थापित कॉलोनी में व्यवस्था व रहवासियों को सुविधा देने के लिए प्रबंधन की ओर से प्रतिवर्ष करीब चार करोड़ रुपए का बजट जारी होता है। इसके बावजूद कॉलोनी की व्यवस्थाएं बेपटरी हैं। विस्थापित रहवासियों को सुविधा मुहैया कराने की कवायद महज रस्म अदायगी तक सीमित होकर रह गई है।

कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता व मनमानी रवैए का नतीजा ही है कि विस्थापित रहवासियों में रोष की चिंगारी सुलग रही है। प्रबंधन की ओर से करोड़ों रुपए का बजट खर्च किए जाने के बावजूद विस्थापित संतुष्ट नहीं हैं।

इसकी मूल वजह कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की संदेहास्पद कार्यप्रणाली है। कागज पर तो सुविधा मुहैया कराने के नाम पर हर महीने विभिन्न मदों में बड़ी रकम खर्च की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि खर्च बजट का लाभ रहवासियों ने नहीं पहुंच रहा है।

दावा है हर महीने इतने खर्च का
- बिजली व्यवस्था पर 5 लाख रुपए का बजट। इसमें विस्थापितों के घरों के अलावा स्कूल, अस्पताल व अन्य सार्वजनिक भवनों व मोटर पंप का बिल शामिल है।
- कंपनी तक कर्मचारियों को ले जाने के लिए उपलब्ध बस पर हर महीने खर्च होने वाला 5 लाख रुपए व 8 लाख रुपए वार्षिक खर्चभी विस्थापितों के हिस्से में ही जोड़ा जाता है।
- स्वास्थ्य केंद्र पर प्रति माह 4.30 लाख रुपए खर्च करने का दावा है। जबकि केंद्र में चिकित्सक के नाम पर पुरुष व महिला मरीजों के उपचार के लिए महज एक पुरुष चिकित्सक है।
- कॉलोनी में संचालित इकलौते हाइस्कूल में छात्रों की फीस के रूप में हर महीने 2.60 लाख रुपए खर्च किए जाने की बात है। किताब व ड्रेस के लिए अन्य मद निर्धारित है। इसके अलावा विभिन्न कार्यों को हवाला देते हुए 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष स्कूल के लिए अलग से बजट निर्धारित किया गया है।
- कालोनी के विस्थापितों को पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर हर महीने तीन लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 5 लाख रुपए वार्षिक का एक और बजट पेयजल के लिए निर्धारित किया गया है।

कालोनी पर कुल ढाई करोड़ रुपए वार्षिक खर्च
कालोनी की सुविधा के नाम पर विभिन्न मदों को मिलकर एक वर्ष में खर्च करीब ढाई करोड़ आता है। जबकि पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन मद में जारी बजट साढ़े तीन से चार करोड़ रुपए बताया जा रहा है। बाकी की बची राशि प्रतिवर्ष कालोनी के लिए खर्च किया जाए तो वहां की कायापलट होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, लेकिन स्थिति कुछ अलग ही है। कंपनी से जारी होने वाले बजट और खर्च के संबंध में जनसंपर्क अधिकारी यशवंत सिंह से मोबाइल पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।