सिंगरौली

घर से बाहर निकलती हैं बहू-बेटियां तो आती है शर्म, जानिए क्या है वजह

हजारों लोगों की बस्ती वाले गांव में एक भी शौचालय नहीं….

सिंगरौलीJun 09, 2019 / 10:26 pm

Ajeet shukla

Could not facilitate toilets in municipal villages in singrauli

सिंगरौली. घर से बहू-बेटियां शौच के लिए जब बाहर निकलती हैं तो खुद को शर्म आती है। नगर निगम की सीमा क्षेत्र में होते हुए भी पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त होने के बजाए शौचालय से ही मुक्त है। सैकड़ों परिवार के आधा दर्जन टोला वाले इस गांव में खुद से शौचालय बनवाने वाले दो-तीन घरों को छोड़ दिया जाए तो बाकी किसी के घर में शौचालय नहीं है। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता को बयां करते हुए भकुआर गांव के रामसुभग पाण्डेय ने कुछ इस अंदाज में अपनी पीड़ा व्यक्त की।
जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर नगर निगम सीमा क्षेत्र में आने वाले भकुआर गांव के एक भी घर में सरकारी शौचालय नहीं बना है। महिलाओं से लेकर पुरूष और बच्चे सभी शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। दो दिन पहले नगर निगम में इस शिकायत के साथ शौचालय बनवाने की मांग की गई।
मामला चर्चा में आया तो पत्रिका की टीम हकीकत जांचने गांव में पहुंच गई। ग्रामीणों ने पत्रिका को अपनी समस्याएं बताई। बोले नगर निगम के अधिकारियों के साथ कोल व विद्युत उत्पादन करने वाले कंपनियां भी गांव की समस्या को लेकर उदासीन हैं। उनकी ओर से कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है। जबकि गांव कंपनियों के औद्योगिक क्षेत्र की सीमा से सटा हुआ है।
ग्रामीणों में जगी है उम्मीद
ग्रामीणों ने शौचालय नहीं बनाए जाने से हो रही मुश्किलों को बयां करते हुए कहा कि एक ओर जहां निगम क्षेत्र में स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर सफाई अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी पूरा का पूरा गांव ही शौचालय की सुविधा से वंचित है। ऐसे में शुरू अभियान मुंह चिढ़ाने जैसा लगता है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताया है कि बात निगम तक पहुंची है तो हो सकता है कि शौचालय अब मुहैया हो जाए।
पार्षद ने नहीं दिखाई सक्रियता
ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि अभी तक वार्ड पार्षद ने इस समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखाईहै। वार्ड क्रमांक ४५ में आने वाले इस गांव में पार्षद महिला हैं। उनके पति रामजी बसोर ही सारा काम देखते हैं। उनका कार्यकाल बीतने को है, लेकिन ग्रामीणों को अभी तक एक शौचालय भी नसीब नहीं हुआ है। पानी की समस्या से भी ग्रामीण जूझ रहे हैं।
वर्जन –
स्वच्छता के इस दौर में भी घर में अगर शौचालय न हो तो सोचने वाली बात है। यह हाल तब है, जबकि गांव जिला मुख्यालय से महज चंद दूरी पर स्थित है। अधिकारियों को इस पर गंभीरता के साथ विचार करना होगा।
भरतलाल, निवासी भकुआर।
बात नगर निगम तक पहुंची है तो समस्या के समाधान की उम्मीद जताई जा सकती है। वैसे तो एनसीएल व रिलायंस कंपनी का क्षेत्र भी गांव की सीमा से सटा है। सीएसआर मद से भी शौचालय बन सकते हैं।
लालमणि नामदेव, निवासी भकुआर।

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