टीएचडीसी के महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) एके शर्मा के मुताबिक खनन के लिए न्यूनतम बोली बिड़ला ग्रुप की कंपनी भुवनेश्वरी राज महल कंसोर्टियम ओर से लगाई गई है। इसलिए उसे खनन का ठेका दिया गया है। जल्द ही बाकी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बताया गया कि अंतिम बिडिंग प्रक्रिया में कुल पांच कंपनियां शामिल हुई थी, लेकिन केवल बिड़ला ग्रुप की ओर से ही रिजर्व प्राइज में बोली लगाई गई। बाकी की कंपनियां इसके नीचे नहीं आईं। यही वजह है कि इस ग्रुप को जिम्मेदारी मिल गई। अमिलिया कोल ब्लॉक में खनन करने वाली कंपनी को प्रतिवर्ष 5.4 मिलियन टन कोयला निकालना होगा।
यह कोल ब्लॉक 1180 हेक्टेयर में है। वर्ष 2022 में अंत तक खनन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच बिड़ला ग्रुप को अमिलिया कोल खदान में अपना सेटअप जमाना होगा। बता दें कि अमिलिया कोल ब्लॉक से कोयला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला में बन रहे खुर्जा पॉवर प्लांट में भेजा जाएगा। वहां पॉवर प्लांट का काम चल रहा है।
कोल ब्लॉक के शुरू होने पर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष 90 करोड़ का राजस्व व स्थानीय युवाओं को रोजगार की राह खुलेगी। टीएचडीसी के महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट) एके शर्मा के मुताबिक खनन के लिए न्यूनतम बोली बिड़ला ग्रुप की कंपनी भुवनेश्वरी राज महल कंसोर्टियम ओर से लगाई गई है। इसलिए उसे खनन का ठेका दिया गया है।