कैंसर विश्वभर में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। शरीर के किसी हिस्से में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि और इसका अनियंत्रित रूप से विभाजन कैंसर का कारक हो सकती है। आनुवांशिकता, पर्यावरणीय, लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, रसायनों के अधिक संपर्क के कारण कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। महिलाओं में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर, पुरुषों में फेफड़े-प्रोस्टेट और कोलन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में करीब 70 प्रतिशत तक लोग कैंसर को तब डिटेक्ट कर पाते हैं, जब वो तीसरी या चौथी स्टेज तक पहुंच जाते हैं। वहीं महिला मरीजों में ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी में कैंसर होने की संख्या सबसे अधिक सामने आ रही है।
वजन में लगातार गिरावट, भूख नहीं लगना, हड्डियों में बहुत ज्यादा दर्द, मुंह एवं मूत्र में रक्त आना, गुदा से बिना दर्द खून आना, लंबे समय तक मुंह के छाले ठीक नहीं होना, स्तन में गांठ, सूजन या अल्सर, भोजन निगलने में दर्द होना, बच्चेदानी में असमय रक्तस्राव होना, बच्चेदानी में सूजन एवं शरीर के किसी हिस्से में गांठ होना कैंसर का मुख्य लक्षण हैं।
वर्ष- 2022—-2023
नए पंजीयन- 65—85
ओपीडी-967—1128
आईपीडी- 451—503
आईवी कीमोथैरेपी- 451—503
इनका कहना है
लापरवाही के कारण कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहे है। हर साल औसतन कैंसर के करीब दस प्रतिशत मरीज बढ़ जाते हैं। कल्याण अस्पताल में 2017 में जिला कैंसर केयर यूनिट शुरू किया गया। यूनिट की ओपीडी में 8192 मरीज आ चुके हैं। इनमें 4385 पुरुष रोगी है। वहीं महिला रोगियों की संख्या 3807 है। इसके अलावा आईपीडी में 3557 भर्ती हो चुके हैं।
– डॉ. विनोद कुमार, जिला नोडल कैंसर अधिकारी