सवाल: क्या वजह है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन ( एफएमजीई) परीक्षा का परिणाम काफी कम रहता है।
जवाब: कई विद्यार्थी कॉलेज लाइफ को सबसे अच्छी मानते है। इसलिए वह पढ़ाई से थोड़ी दूरी भी बना लेते है। कई विद्यार्थियों का पुराना एकेडमिक रेकार्ड काफी कमजोर होता है। कई विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई के साथ इस परीक्षा की तैयारी नहीं करते है। इस वजह से इस परीक्षा का परिणाम २५ फीसदी तक ही रहता है। जबकि एेसा नहीं होना चाहिए।
सवाल: आपने इस परीक्षा में सफलता के लिए क्या रणनीति अपनाई।
जवाब: मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई के दूसरे साल से ही इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस वजह से अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में सफलता मिली है। बहुत कम विद्यार्थी एेसे होते है जो इस परीक्षा को पहले साल में ही पास करें। मैंने शुरूआत से ही यही प्लान कि एफएमजीई पहली ही चांस में ब्रेक करनी है।
जवाब: कई विद्यार्थी कॉलेज लाइफ को सबसे अच्छी मानते है। इसलिए वह पढ़ाई से थोड़ी दूरी भी बना लेते है। कई विद्यार्थियों का पुराना एकेडमिक रेकार्ड काफी कमजोर होता है। कई विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई के साथ इस परीक्षा की तैयारी नहीं करते है। इस वजह से इस परीक्षा का परिणाम २५ फीसदी तक ही रहता है। जबकि एेसा नहीं होना चाहिए।
सवाल: आपने इस परीक्षा में सफलता के लिए क्या रणनीति अपनाई।
जवाब: मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई के दूसरे साल से ही इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस वजह से अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में सफलता मिली है। बहुत कम विद्यार्थी एेसे होते है जो इस परीक्षा को पहले साल में ही पास करें। मैंने शुरूआत से ही यही प्लान कि एफएमजीई पहली ही चांस में ब्रेक करनी है।
सवाल: आपने देश के बजाय विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई को क्यों महत्व दिया।
जवाब: मैं पहले चांस में नीट में स्कोर काफी कम रहा था। एेसे में सोचा कि अब एक साल नीट की तैयारी करने के बजाय किसी दूसरे देश से पढ़ाई कर साल बचाई जाए। दूसरे देश के हमारे परिवार के अनुभव भी काफी अच्छे रहे। मेरा यह निर्णय सही भी साबित हुआ। अब जो एनएमसी के नए नियम आए है उसके अनुसार तो अब आप कही से भी पढ़ाई करो आपको कॉमन एग्जाम तो देनी ही होगी।
सवाल: शेखावाटी के कितने विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है।
जवाब: शेखावाटी के लगभग 30 विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है।
जवाब: मैं पहले चांस में नीट में स्कोर काफी कम रहा था। एेसे में सोचा कि अब एक साल नीट की तैयारी करने के बजाय किसी दूसरे देश से पढ़ाई कर साल बचाई जाए। दूसरे देश के हमारे परिवार के अनुभव भी काफी अच्छे रहे। मेरा यह निर्णय सही भी साबित हुआ। अब जो एनएमसी के नए नियम आए है उसके अनुसार तो अब आप कही से भी पढ़ाई करो आपको कॉमन एग्जाम तो देनी ही होगी।
सवाल: शेखावाटी के कितने विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है।
जवाब: शेखावाटी के लगभग 30 विद्यार्थियों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है।
पीड़ा: 140 अंक हो कट ऑफ तो और मजबूती से जंगएफएमजीइ की 300 अंकों की परीक्षा में फिलहाल कट ऑफ मॉक्र्स 150 अंक है। इस साल की परीक्षा का परिणाम महज 23.73 फीसदी रहा है। यदि इस कट ऑफ को एनबीई की ओर से 140 अंक किया जाता है तो देश को एक हजार और चिकित्सक मिल सकते है। एक्सपर्ट वेदप्रकाश बेनीवाल का कहना है कि केन्द्र सरकार को इस संबंध में युवाओं की ओर से मांग पत्र भिजवाए गए है।