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राजस्थान में कब होंगे निकाय चुनाव? UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दी जानकारी; धर्मांतरण बिल पर दिया ये जवाब

Rajasthan Politics: राजस्थान में निकाय चुनावों को लेकर सियासत चरम पर है। वहीं धर्मांतरण बिल को लेकर भी बीजेपी-कांग्रेस में सियासी बयानबाजी जारी हैं।

सीकरDec 02, 2024 / 09:42 pm

Nirmal Pareek

Rajasthan Politics: राजस्थान में निकाय चुनावों को लेकर सियासत चरम पर है। वहीं धर्मांतरण बिल को लेकर भी बीजेपी-कांग्रेस में सियासी बयानबाजी जारी हैं। इसी कड़ी में UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह का वातावरण बना है। लव जिहाद के माध्यम से धर्मांतरण के जो कार्यक्रम हो रहे हैं। इन सभी से निपटने के लिए यह बिल लाया जा रहा है।
दरअसल, बीते शनिवार को भजनलाल सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं। इस दौरान विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण बिल लाने को भी मंजूरी दी है। इस निर्णय के बाद राजस्थान में सियासी पारा बढ़ा हुआ है।

परिसीमन के बाद होंगे चुनाव- खर्रा

वहीं, राजस्थान में शहरी सरकार बनाने के लिए चुनाव कब होंगे? सीकर में मीडिया से बातचीत के दौरान इस सवाल के जवाब UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन के बाद जल्द चुनाव करवाए जाएंगे। बता दें, निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति के बाद कांग्रेस बीजेपी पर लगातार निशाना साध रही है।
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धर्मांतरण बिल पर क्या कहा?

इस दौरान धर्मांतरण बिल पर बोलते हुए मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह का वातावरण बना है। लालच और लव जिहाद के माध्यम से धर्मांतरण के जो कार्यक्रम हो रहे हैं। इसके बाद उनकी नृशंस हत्याएं की गई। वह बहुत दुखद वातावरण है। इन सभी से निपटने के लिए धर्मांतरण विरोधी बिल राजस्थान में लाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी तो इस बिल का मंत्रिमंडल में अनुमोदन हुआ है। अब जब फरवरी में विधानसभा सत्र आएगा तो उसमें बिल प्रस्तुत किया जाएगा। खर्रा ने कहा कि पूर्व में इस बिल की स्वीकृति नहीं मिल पाई थी, इसलिए वह लागू नहीं हो पाया।

‘वैज्ञानिक तरीके से जांच होनी चाहिए’

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर बोलते हुए UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि इसकी जांच वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए। सच्चाई सामने आनी चाहिए, यह सच्चाई है कि एक हजार साल तक देश में जिस प्रकार का अन्याय और अत्याचार हुआ, जिस तरह से धार्मिक स्थलों पर नष्ट भ्रष्ट किया गया। तलवार की नोंक पर लोगों का धर्मांतरण हुआ।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई अतिशोयक्ति नहीं है जहां हमारे धर्मस्थलों को तोड़कर दूसरे धर्मस्थल बनाये गए हैं। अगर अजमेर के दरगाह में कोई ऐसा प्रकरण है तो उसकी वैज्ञानिक तरीके से जांच होनी चाहिए। जांच होने के बाद अगर इस प्रकार के कोई सबूत मिलते हैं तो उस समुदाय को भी इस बात को स्वीकार्य करना चाहिए।
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बिल को लेकर कांग्रेस ने साधा निशाना

इधर, डोटासरा ने कहा कि धर्मांतरण यह बिल पास नहीं होगा। हर चीज के लिए कानून पहले से मौजूद है। संविधान में व्यवस्था है और पहले से कानून भी है। वह नहीं करके केवल जनता का मुद्दों से ध्यान डायवर्ट करने के लिए ऐसी चीजें लेकर आते हैं। जब वसुंधरा सरकार थी तो वह भी बिल लेकर आई थी,उसका क्या हश्र हुआ? डोटासरा ने कहा कि बीजेपी हिंदू-मुस्लिम करके राजनीतिक रोटियां सेक रही है।

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