फर्जी आरपीएस राहुल यादव पुत्र शैतान सिंह बहरोड़ कस्बे का रहने वाला है। राहुल ने कोटपूतली-बहरोड़ की एसपी रंजीता शर्मा को फोन कर पीएचक्यू से आने की बात कही और फिर बानसूर डिप्टी एसपी राजेश जाखड़ के पास गया और स्कूल, कॉलेजों में साइबर ठगी से बचने की ट्रेनिंग देने की बात कही। इस पर बानसूर डीएसपी ने बानसूर थानाधिकारी हेमराज गुर्जर के पास भेज दिया। एसएचओ हेमराज गुर्जर ने थाने की गाड़ी के साथ एएसआई सेडूराम शर्मा व कांस्टेबल को साथ में प्रोटोकॉल के लिए भेजा।
राहुल यादव ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर स्वयं को एंटरप्रेन्योर, साइबर क्राइम इंवेस्टीगेटर और राजस्थान पुलिस एकेडमी, जयपुर में ट्रेनर बता रखा है। राहुल ने शुरू में बहरोड़ में दो दोस्तों के साथ एक कंपनी बनाई और काम करने लगा। इसके बाद राहुल कुछ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में और वह राजस्थान पुलिस एकेडकमी, जयपुर में साइबर ठगी से बचने, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन करने के तरीके सहित अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग देने लगा। उसने आरपीए में कई लेक्चरर दिए हैं, जिसके वीडियो व फोटो उसने अपनी इंस्टाग्राम पर डाल रखे हैं।
प्रदेश में साइबर क्राइम ज्यादा फैल रहा है, राहुल यादव साइबर का काम जानता है, इसलिए हमने उसे लिमिटेड पीरियड के लिए वर्दी पहनने की परमिशन दी थी। उसने कोई गलत काम तो किया नहीं है, मूवीज की शूटिंग में भी लोग वर्दी पहनते हैं। वर्दी अलाऊ करने का मकसद था कि इससे ऑथेंसिटी होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए वीडियो बनाएं हैं। यदि आपको कोई बड़ी खबर बनानी है, बना दीजिए, हमारा ये मोटिव नहीं था।
रविप्रकाश मेहरड़ा, डीजी, एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज, राजस्थान पुलिस
पीएचक्यू से डीजी मेहरड़ा के निर्देश थे
वर्दी पहनकर आए राहुल यादव के साथ पीएचक्यू से सीआई पीके मीणा भी साथ आए थे। पीएचक्यू से एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देश थे कि इन्हें प्रोटोकॉल देना है। मेहरड़ा के आदेश की पालना में ही हमने बानसूर थाने से उसको प्रोटोकॉल दिया था। बाद में जब हमें फर्जीवाड़े का पता चला तो हमने उस युवक को वर्दी पहनकर नहीं घूमने के लिए भी कहा था।
रंजीता शर्मा, एसपी, कोटपूतली-बहरोड़
युवक राहुल यादव के साथ पीएचक्यू से सीआई पीके मीणा आए थे। राहुल ने हमें बताया कि उसे पीएचक्यू ने साइबर ठगी की ट्रेनिंग देने के लिए चुना है। हमारे पास उच्चाधिकारियों के फोन आए थे, इसलिए प्रोटोकॉल दिया व थाना स्टाफ को उसके साथ एक स्कूल के कार्यक्रम में भेजा था।
हेमराजसिंह गुर्जर, थानाधिकारी, बानसूर