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आरपीएस की वर्दी पहनकर युवक झाड़ता रहा रौब, पुलिस देती रही साथ

यादवेंद्र सिंह राठौड़आरपीए जयपुर में फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर दो साल ट्रेनिंग करने वाली मोना बुगालिया की तरह ही नया मामला सामने आया है।

सीकरDec 27, 2023 / 07:17 pm

Sachin

आरपीएस की वर्दी पहनकर युवक झाड़ता रहा रौब, पुलिस देती रही साथ

आरपीए जयपुर में फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर दो साल ट्रेनिंग करने वाली मोना बुगालिया की तरह ही नया मामला सामने आया है। अब एक युवक ने स्वयं को साइबर एक्सपर्ट बताकर व पीएचक्यू के अधिकारियों की ओर से आरपीएस अधिकारी के तौर पर साइबर अपराध का प्रशिक्षण देने के फर्जी आदेश दिखाकर कई नए जिलों में ट्रेनिंग दी। राहुल ने 15 दिन पहले कोटपूतली-बहरोड़ के एसपी रंजीता शर्मा को फोन कर बानसूर थानाधिकारी से प्रोटोकॉल लिया। वह जहां-जहां भी ट्रेनिंग देने जाता, वहां बानसूर थाना के स्टाफ, एएसआई को लेकर जाता। फर्जी आरपीएस राहुल यादव ने वर्दी पहनकर राजस्थान पुलिस के एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के साथ फोटो खिंचवा रखा है। उसने कई पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो व फोटो खिंचवा कर अपनी इंस्टाग्राम पर अपलोड कर रखे हैं। राहुल आरपीएस की वर्दी में साइबर ठगी से बचने के तरीके बता रहा है। इस मामले को लेकर राजस्थान पुलिस की विजिलेंस टीम ने भी एसओजी को राहुल यादव की शिकायत की है। इस मामले में एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ही राहुल यादव को वर्दी पहनने की परमिशन दी थी, उनसे कोई कोई गलत काम तो किया हीं है।

कौन है राहुल यादव
फर्जी आरपीएस राहुल यादव पुत्र शैतान सिंह बहरोड़ कस्बे का रहने वाला है। राहुल ने कोटपूतली-बहरोड़ की एसपी रंजीता शर्मा को फोन कर पीएचक्यू से आने की बात कही और फिर बानसूर डिप्टी एसपी राजेश जाखड़ के पास गया और स्कूल, कॉलेजों में साइबर ठगी से बचने की ट्रेनिंग देने की बात कही। इस पर बानसूर डीएसपी ने बानसूर थानाधिकारी हेमराज गुर्जर के पास भेज दिया। एसएचओ हेमराज गुर्जर ने थाने की गाड़ी के साथ एएसआई सेडूराम शर्मा व कांस्टेबल को साथ में प्रोटोकॉल के लिए भेजा।
आरपीए में ट्रेनी एसआई, आरपीएस को देता है ट्रेनिंग
राहुल यादव ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर स्वयं को एंटरप्रेन्योर, साइबर क्राइम इंवेस्टीगेटर और राजस्थान पुलिस एकेडमी, जयपुर में ट्रेनर बता रखा है। राहुल ने शुरू में बहरोड़ में दो दोस्तों के साथ एक कंपनी बनाई और काम करने लगा। इसके बाद राहुल कुछ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में और वह राजस्थान पुलिस एकेडकमी, जयपुर में साइबर ठगी से बचने, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन करने के तरीके सहित अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग देने लगा। उसने आरपीए में कई लेक्चरर दिए हैं, जिसके वीडियो व फोटो उसने अपनी इंस्टाग्राम पर डाल रखे हैं।
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ये बोले डीडीपी: हमने लिमिटेड पीरियड के लिए उसे वर्दी पहनने की परमिशन दी थी
प्रदेश में साइबर क्राइम ज्यादा फैल रहा है, राहुल यादव साइबर का काम जानता है, इसलिए हमने उसे लिमिटेड पीरियड के लिए वर्दी पहनने की परमिशन दी थी। उसने कोई गलत काम तो किया नहीं है, मूवीज की शूटिंग में भी लोग वर्दी पहनते हैं। वर्दी अलाऊ करने का मकसद था कि इससे ऑथेंसिटी होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए वीडियो बनाएं हैं। यदि आपको कोई बड़ी खबर बनानी है, बना दीजिए, हमारा ये मोटिव नहीं था।
रविप्रकाश मेहरड़ा, डीजी, एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज, राजस्थान पुलिस
इनका कहना है-
पीएचक्यू से डीजी मेहरड़ा के निर्देश थे
वर्दी पहनकर आए राहुल यादव के साथ पीएचक्यू से सीआई पीके मीणा भी साथ आए थे। पीएचक्यू से एससीआरबी, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देश थे कि इन्हें प्रोटोकॉल देना है। मेहरड़ा के आदेश की पालना में ही हमने बानसूर थाने से उसको प्रोटोकॉल दिया था। बाद में जब हमें फर्जीवाड़े का पता चला तो हमने उस युवक को वर्दी पहनकर नहीं घूमने के लिए भी कहा था।
रंजीता शर्मा, एसपी, कोटपूतली-बहरोड़
पीएचक्यू से सीआई साथ आए थे
युवक राहुल यादव के साथ पीएचक्यू से सीआई पीके मीणा आए थे। राहुल ने हमें बताया कि उसे पीएचक्यू ने साइबर ठगी की ट्रेनिंग देने के लिए चुना है। हमारे पास उच्चाधिकारियों के फोन आए थे, इसलिए प्रोटोकॉल दिया व थाना स्टाफ को उसके साथ एक स्कूल के कार्यक्रम में भेजा था।
हेमराजसिंह गुर्जर, थानाधिकारी, बानसूर

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