राजस्थान में 40 हजार से ज्यादा शादियां
देवशयन के बाद चार महीने बाद देवउठनी एकादशी का सावा अबूझ होने के साथ सबसे बड़ा होता है। प्रदेश में इस बार भी इस सावे पर 40 हजार से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है। इसी दिन चुनाव होने पर इन शादियों से जुड़े लाखों लोग प्रभावित होंगे।
खाटूश्यामजी का जन्मोत्सव
खाटूश्यामजी का जन्मोत्सव भी देव उठनी एकादशी को मनाया जाता है। जिसमें दो दिन देशभर से 10 लाख से ज्यादा लोग खाटूश्यामजी पहुंचते हैं। पर चुनाव का दिन होने से इस बार खाटूश्यामजी मेले में जाने को लेकर श्रद्धालु भी उलझन में पड़ गए हैं। मतदान और खाटूश्यामजी पहुंचने के कम साधन दोनों ही उनकी राह में रोड़ा बनेंगे।
इनका कहना है.
देवउठनी एकादशी व मतदान की तारीख टकराने से चुनाव में नियुक्त कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। हमारी मांग है कि जिन कर्मचारियों के परिवार व नजदीकी रिश्तेदारी में शादी है, प्रशासन को उन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त करना चाहिए।
श्रवण थालौड़, जिलाध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ
देव उठनी ग्यारस से शादियों का सीजन शुरू होगा। काफी दिनों बाद शहनाई बजेगी। मैंने चार शादियों के मिठाई का काम ले रखा है। 30 कर्मचारी कार्य करने के लिए जाएंगे।
विनोद कुमार सैनी, हलवाई