VIDEO : इन 6 वजहों से सीकर किसान आंदोलन बिना लाठी-गोली चले हुआ सफल, जानिए इस आंदोलन की इनसाइड स्टोरी आंदोलन को लेकर रूपरेखा बना ली गई है। इसके तहत दिसंबर में गांवों में किसान सभा की सदस्यता बनाकर कमेटियां बनाई जाएगी। गांवों में प्रशासन के रात्रि चौपालों में इन मांगों के संबंध में ज्ञापन देकर विरोध किया जाएगा। उसके बाद तहसील व पंचायत स्तर पर किसान संसद बुलाकर तैयारी की जाएगी। फरवरी माह के अंत तक विधानसभा सत्र में जयपुर कूच किया जाएगा। किसान इस बार पैदल ही जयपुर के लिए कूच करेंगे। रास्ते में किसानों के कई पड़ाव होंगे।
सीकर से पहले भी राजस्थान में हो चुके हैं ये 9 किसान आंदोलन अमराराम ने कहा कि एक से 13 सितंबर तक किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने चार मंत्रियों कि कमेटी बनाकर 50 हजार रूपए तक का कर्जा माफ करने सहित अन्य 10 मांगों पर समझौता किया था। एक माह में इस समझौते को लागू करने आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन तीन महिने पूरे होने के बावजूद सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है।
मंदसौर आंदोलन हुआ था हिंसक, मगर सीकर के किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से राजस्थान में माफ करवाए 50 हजार तक के कर्ज राज्य में गूंगी बहरी सरकार
प्रेस वार्ता में किसान सभा के नेता अमराराम ने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि राज्य में गूंगी-बहरी सरकार है। ये सिर्फ वादा खिलाफी का काम कर रही है।
प्रेस वार्ता में किसान सभा के नेता अमराराम ने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि राज्य में गूंगी-बहरी सरकार है। ये सिर्फ वादा खिलाफी का काम कर रही है।
20 नवंबर को देश के 184 किसान संगठनों ने किसान सभा के साथ मिलकर दिल्ली में संसद भवन के सामने किसान संसद बुलाकर दो कानून सर्वसम्मति से पास किए। इसमें किसानों के सभी कर्जे माफ करने व किसानों को लागत में 50 प्रतिशत जोडकऱ भाव देना शामिल था। सरकार केवल करोड़ों रुपए खर्च कर चार साल पूरे होने का जश्र मना रही है। किसान विरोधी सरकार के खिलाफ सीकर जिले सहित पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। सरकार से किसानों के सभी कर्ज माफ करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने संबंधी मांग की जाएगी। आम जनता को दूध का लाभकारी भाव देकर किसानों से आने वाले पूरे दूध की भी सरकार खरीद करें।