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VIDEO : 60 लोगों के सामने इन दो सगी बहनों को सिंगों से मारकर शवों पर बैठ गया ये नीलगाय, चाटने लगा खून

दोनों बहनें परिवार के साथ मनता माता के दर्शन करने आई थीं। तब हिंसक हुए नीलगाय ने किया हमला।

सीकरAug 24, 2017 / 01:36 pm

vishwanath saini

उदयपुरवाटी/पचलंगी. इलाके के खोह गांव स्थित मनसा माता मंदिर की पहाडिय़ों में हिंसक हुई नीलगाय ने दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया। घटना की शिकार दोनों महिलाएं तीजा देवी पत्नी बाबूलाल सैनी व गीता देवी पत्नी बनवारीलाल सैनी सगी बहनें हैं। हमले में एक अन्य महिला गीता देवी पत्नी गोपीराम भी घायल हुई हैं, जिसे पौंख के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जान गंवाने वाली दोनों महिलाएं गुड़ा के पास कुमारियों की ढाणी की रहने वाली थी। उदयपुरवाटी के पास भैरूघाट में दोनों का पीहर था। पुलिस ने पंचनामा तैयार कर दोनों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए। शाम को गमगीन माहौल में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
 


तहसीलदार औंकारमल मूंड व सीआई राजेश वर्मा ने बताया कि दोनों महिलाएं मनसा माता के मंदिर में दर्शन के लिए गई थी। दर्शन के बाद वे पीछे पहाडिय़ों की तरफ गई ,जहां एक नीलगाय ने दोनों को अपने सींग में कई बार डालकर मौत के घाट उतार दिया। वहां पर मौजूद करीब 50-60 लोगों ने उनको छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान नीलगाय ने उन पर भी हमला करने की कोशिश की। करीब एक घंटे बाद पहाड़ी के नीचे रहने वाले लोग ऊपर गए और किसी तरह उन्हें छुड़ाया। तहसीलदार औंकारमल मंंूड ने इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देकर नीलगाय को पकडऩे के लिए पाबंद किया है। सूचना पाकर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, कृषि उपज मंडी समिति सदस्य झाबर गुर्जर भी अस्पताल पहुंचे।
 

सरिस्का से आई टीम


मनसा माता की पहाडिय़ों में हिंसक बनी नीलगाय को पकडऩे के लिए सरिस्का से वन विभाग ने टीम बुलाई है। रैंजर रणवीरसिंह शेखावत ने बताया कि रात नौ बने इंद्रपुरा टीम आ गई। सुबह जल्दी रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। टीम प्रभारी सरिस्का रैंजर शंकर सिंह के नेतृत्व में नील को ट्रेंक्यूलाइज किया जाएगा।
मारने के बाद शरीर पर बैठ गई…

प्रत्यक्षदर्शी हेमराज भाटी निवासी गुड़ा ने बताया वह भी मनसा माता के मंदिर में दर्शन के लिए आया था। उसने देखा कि नीलगाय जिसके सींग भी थे। मंदिर के पीछे पहाड़ी की तरफ गई महिलाओं को नीचे गिरा रखा था। उनके बार बार सिंगों से प्रहार कर रहा था। जब वे पूरी तरह मर चुकी तो उनके शरीर पर बैठे गया और जीभ से उनका खून चाट रहा था। उसने उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया, उनकी तरफ मारने को दौड़ी।
 

आंखों के सामने पत्नी की मौत

 

गीता देवी का पती बनवारीलाल सैनी भी परिवार के साथ मनसा माता के मंदिर में पूजा पाठ के लिए गया था। अपनी पत्नी गीता को लाख कोशिश के बाद भी वह नहीं बचा पाया। अन्य साथियों के साथ वह भी बचाने के लिए नीलगाय की तरफ दौड़ा, लेकिन नीलगाय ने हर बार उल्टे पांव उन्हें लौटा दिया।

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