ऐसे तय हुआ सीकर का रेल का सफर
12 जुलाई 1922 को भाप की पहली रेल जयपुर से सीकर पहुंची 11 दिसंबर 1922 को रेल नियमित हुई18 सितंबर 1923 सीकर से नवलगढ़ रेल शुरू 1924 में झुंझुनूं तक ट्रेन बढ़ी1942 में सीकर से फतेहपुर रेल शुरू 1957 में चूरू से जुड़ा सीकर जंक्शनसितंबर 2015 में दिल्ली से पहली ब्रॉडगेज ट्रेन पहुंची अब्टूबर 2019 में रींगस से पहली ब्रॉडगेज पहुंची।2022 में इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू हुई।
46 ट्रेन अब रोजाना पहुंच रही सीकर जंक्शन
रेलवे में सीकर के नाम यह बड़ी उपलब्धि
1. देश का सबसे बड़ा रेलवे फ्लाई ओवर सीकर के रींगस से छोटा गुढ़ा के बीच बना है। 187 करोड़ रुपए की लागत से 24 माह में तैयार हुआ यह आरओबी 7.30 किलोमीटर लंबा है। 2. एशिया का पहला रेलवे कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई फ्रंट कॉरिडोर सीकर के नीमकाथाना व रींगस से होकर गुजरेगा।