सैदाला भगवानपुरा निवासी बनवारी लाल गुर्जर ने बताया कि एनीकट 2008 में बनना शुरू हुआ था। जिसका कागजों में 2016 में निर्माण पूरा हुआ। जबकि इस एनीकट का कार्य अधूरा पड़ा था। इस एनीकट के निर्माण के बाद क्षेत्र में पहली बारिश हुई। जिसमें यह टूट गया। इस एनीकट के पास ही 11 हजार की लाइन के साथ ट्रांसफार्मर लगा हुआ था। जिसके पास की मिट्टी तेज बहाव के साथ बह गई, लेकिन बड़ा हादसा टल गया।
इस दौरान लोगों ने विद्युत लाइन कटवाने के लिए कई बार फोन पर संपर्क किया, लेकिन किसी भी कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया। एनीकट के पास के खेतों में खड़ी बाजरें की फसल चौपट हो गई। वहीं पलासाला के पास खेतों में वाटरशेड द्वारा बनाएं गए एनीकट की पाळ टूट गई। गनीमत रही की इस एनीकट में आने वाले पानी का बहाव कम होने पर नहीं टूटा।
इधर, आठ साल आया रायपुर नदी में पानी
सीकर के नीमकाथाना में देर रात से सुबह तक हुई बारिश कस्बे के लिए आफत और एक राहत की खबर लाई है। जहां पानी आने के सूचना के बाद से नदी देखने वालों का हुजूम लगातार उमड़ रहा है। बता दें कि यहां रात तीन बजे बारिश का दौर शुरू हुआ था, जो आज सुबह करीब सात बजे तक जारी रहा। लगातार हुई बारिश से कस्बे के इलाके तो पानी से लबालब हो ही गए, साथ ही आठ साल से सूखी रायपुर नदी की प्यास भी आज बुझती दिखी। इससे पहले नदी में पानी का ऐसा नजारा 2010 में देखने को मिला था।