जिम्मेदारों के लिए एक आईना…कब मिलेगी मदद नांगल नाथूसर गांव निवासी श्रद्धा पारीक के पति महेन्द्र पारीक की मौत भी कोरोना की दूसरी लहर में हुई थी। इनकी ओर से ग्राम पंचायत से लेकर जिला कलक्टर कार्यालय में आवेदन किया जा चुका है। लेकिन अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है। पारीक का कहना है कि पति उपचार में काफी राशि खर्च होने की वजह आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है। इनके दो बेटी है। इनका कहना है उनके पति का रींगस के एक निजी अस्पताल में कोरोना का ही उपचार चला था। इसके बाद भी सहायता राशि नहीं दी गई है।
इसलिए आंकड़ों में गड़बड़ी:
घर पर ही उपचार: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई लोगों को बेड नहीं मिल सके। कई लोग अस्पताल जाने के चक्कर से बचने के लिए घरों में ही उपचार लेते रहे। ऐसे लोगों की मौत का आंकड़ा चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में शामिल नहीं हो सका। इस तरह के सीकर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई उदाहरण है। इसके अलावा कई लोगों की मौत दूसरे शहर व राज्य में होने पर चिकित्सा विभाग की सूची में इनके नाम शामिल नहीं हुए।
घर पर ही उपचार: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई लोगों को बेड नहीं मिल सके। कई लोग अस्पताल जाने के चक्कर से बचने के लिए घरों में ही उपचार लेते रहे। ऐसे लोगों की मौत का आंकड़ा चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में शामिल नहीं हो सका। इस तरह के सीकर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई उदाहरण है। इसके अलावा कई लोगों की मौत दूसरे शहर व राज्य में होने पर चिकित्सा विभाग की सूची में इनके नाम शामिल नहीं हुए।
विभाग ने ऐसे बांटी सहायता विधवा:
विभाग की ओर से सीकर जिले 229 विधवाओं को एक-एक लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी है। हर महीने पेंशन के तौर पर 1500 रुपए की राशि दी जाएगी।
विभाग की ओर से सीकर जिले 229 विधवाओं को एक-एक लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी है। हर महीने पेंशन के तौर पर 1500 रुपए की राशि दी जाएगी।
पालनहार:
जिले में 198 ऐसे बालक-बालिका है जिनके माता या पिता की कोरोना से मौत हुई है। ऐसे बच्चों को विभाग की ओर से एक हजार रुपए का सहयोग हर महीने दिया जाएगा। इसके अलावा साल में एक बार ड्रेस, किताब आदि के लिए दो हजार रुपए की राशि दिए जाने का प्रावधान है।
जिले में 198 ऐसे बालक-बालिका है जिनके माता या पिता की कोरोना से मौत हुई है। ऐसे बच्चों को विभाग की ओर से एक हजार रुपए का सहयोग हर महीने दिया जाएगा। इसके अलावा साल में एक बार ड्रेस, किताब आदि के लिए दो हजार रुपए की राशि दिए जाने का प्रावधान है।
अनाथ:
सीकर जिले में तीन अनाथ बच्चों ने भी आवेदन किया है। इन तीन बच्चों के माता या पिता की पहले मौत हो गई। एक की अब कोरोना में मौत हो गई। इन बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपए तत्काल स्वीकृत किए गए है। जबकि पांच-पांच लाख रुपए की सहायता इन बच्चों के 18 साल की आयु पूरी करने पर दी जाएगी।
सीकर जिले में तीन अनाथ बच्चों ने भी आवेदन किया है। इन तीन बच्चों के माता या पिता की पहले मौत हो गई। एक की अब कोरोना में मौत हो गई। इन बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपए तत्काल स्वीकृत किए गए है। जबकि पांच-पांच लाख रुपए की सहायता इन बच्चों के 18 साल की आयु पूरी करने पर दी जाएगी।
सभी को तत्काल सहायता पर जोर: कलक्टर
जिन लोगों के पास कोरोना की रिपोर्ट नहीं थी उनके उपचार के आधार पर भी सहायता राशि स्वीकृत की है। हमारा पूरा फोकस पीडि़त परिवारों को सम्बल देने पर है।
अविचल चतुर्वेदी, जिला कलक्टर
जिन लोगों के पास कोरोना की रिपोर्ट नहीं थी उनके उपचार के आधार पर भी सहायता राशि स्वीकृत की है। हमारा पूरा फोकस पीडि़त परिवारों को सम्बल देने पर है।
अविचल चतुर्वेदी, जिला कलक्टर
229 महिलाओं को विधवा पेंशनविधवा सहायता योजना के तहत 229 विधवा महिलाओं व मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार योजना के तहत 198 बालक-बालिकाओं को सहायता राशि स्वीकृत की गई है। फिलहाल विभाग के पास कोई लंबित आवेदन नहीं है। तीन अनाथ बच्चों को भी सहायता राशि दी गई है।
ओमप्रकाश राहड़, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
ओमप्रकाश राहड़, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग