बता दें, शनिवार सुबह ग्रामीणों ने संदीप का शव उसके घर के पास एक पेड़ से लटका देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सदर थाना अधिकारी राजेश कुमार डूडी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। संदीप हाल ही में छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गया था, लेकिन दो दिन पहले अचानक गायब हो गया था।
वहीं, संदीप के भाई योगेश कुमार सैनी ने बताया कि संदीप ने अंबाला में ट्रेनिंग पूरी की थी और बीकानेर महाजन रेंज में अभ्यास कर रहा था। 2 जनवरी को वह छुट्टी के बाद ड्यूटी पर वापस गया था, लेकिन 2 दिन पहले से लापता था।
ग्रामीण अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे
घटना के बाद परिजन और ग्रामीण अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच, संदीप को शहीद का दर्जा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और अन्य सहायता की मांग की। धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सैनी ने कहा कि सेना में आखिर ऐसा क्या दबाव था, जिससे संदीप को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। धरने में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विनोद कुमार सैनी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
पुलिस और सेना की जांच जारी
बताते चलें कि स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और घटना की जानकारी सेना को भी दे दी गई है। पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कोई अन्य कारण है।