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स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता आज से, रस्सा कस्सी व सतौलिया जैसे 16 खेल नहीं खेल सकेंगे विद्यार्थी

सीकर. राजीव गांधी ग्रामीण व शहरी ओलंपिक के जरिए खेलों को बढ़ावा देने का दावा करने वाली राज्य सरकार ने स्कूली खेल प्रतियोगिताओं से 16 खेल गायब कर दिए हैं।

सीकरAug 24, 2023 / 11:39 am

Sachin

स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता आज से, रस्सा कस्सी व सतौलिया जैसे 16 खेल नहीं खेल सकेंगे विद्यार्थी

सीकर. राजीव गांधी ग्रामीण व शहरी ओलंपिक के जरिए खेलों को बढ़ावा देने का दावा करने वाली राज्य सरकार ने स्कूली खेल प्रतियोगिताओं से 16 खेल गायब कर दिए हैं। गुरुवार से शुरू होने वाली 67वीं जिला व राज्य स्तरीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयी खेलकूछ प्रतियोगिताओं में ये खेल शामिल नहीं होंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के पंचांग से ये खेल हटा दिए गए हैं। जिसके चलते विद्यार्थी अब केवल 32 खेल ही खेल पाएंगे। खास बात ये भी है कि हटाए गए खेलों में से रस्सा कस्सी व सतौलिया सरीखे खेल भी शामिल हैं। जो ग्रामीण अंचल के बच्चों के पसंदीदा खेल हैं।

इन 16 खेलों को हटाया
शिक्षा विभाग ने इस बार लगौरी (सतौलिया), टग ऑफ वार, कूडो, कैरम, मार्शल स्कॉय, आस्थे दा अखाड़ा, पॉवर लिफ्टिंग, स्पीड बॉल, थ्रो बॉल, रोल बॉल, शूटिंग बॉल, बाल बैडमिंटन, टेनिस वॉलीबॉल, टेनिस क्रिकेट, सुपर सेवन क्रिकेट व टेनिस बॉल क्रिकेट को हटाया है। इनमें से कई खेल ग्रामीण अंचल से संबंध रखते हैं।

इन 32 खेलों की होगी प्रतियोगिता
स्कूल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में इस बार हॉकी, हैंडबॉल, कुश्ती, वॉलीबॉल, वेट लिफ्टिंग, सॉफ्टबॉल, तीरंदाजी, बास्केटबॉल, योगा, रग्बी फुटबॉल, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, फुटबॉल, तैराकी, टेबल टेनिस, जिम्रास्टिक, कराटे, शतरंज, नेटबॉल, खो-खो, साईक्लिंग ट्रेक व रोड, राईफल शूटिंग, लॉन टेनिस, कबड्डी, ताईक्वांडो, जूडो, सेपक टकरा, क्रिकेट, वुशु, रोलर स्केटिंग व मलखंभ को शामिल किया गया है।

24 अगस्त से 8 नवंबर तक होगी प्रतियोगिता
प्रतियोगिता 24 अगस्त से शुरू होगी। इनमें स्कूल स्तर की प्रतियोगिताएं 24 अगस्त से 31 अगस्त, जिला स्तरीय 8 सितंबर से 27 अक्टूबर तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 19 सितंबर से 8 नवंबर तक संचालित होगी।

नेशनल गेम्स से हटाने पर फैसला
स्कूल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता से 16 खेल हटाने की वजह शिक्षा अधिकारियों ने उनका नेशनल गेम्स में शामिल नहीं होना बताया है। पर शिक्षक संगठनों की मांग है कि प्रदेश में तो वह खेल खिलाए जाने चाहिए थे।

इनका कहना है:
स्कूल खेलकूद प्रतियोगिता में 16 खेल कम करके 32 खेलों का पंचाग जारी किया गया है। विभाग को अधिकाधिक गा्रमीण खेलों को प्रतियोगिताओं में शामिल करना चाहिए। ताकि ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को मंच व रोजगार के अवसर दोनों मिल सके।
बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

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