-6 मार्च 1943 को जयपुर के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल (जयपुर की एमआई रोड इनके नाम पर है) ने अस्पताल भवन की नींव रखी थी। -10 अगस्त 1948 को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह ने चांदी की चाबी से ताला खोलकर एसके अस्पताल भवन जनता को समर्पित किया था।
-एसके अस्पताल के निर्माण के लिए पत्थर और पट्टियां ट्रेन से सीकर आए थे। -राज्य सरकार ने जुलाई 1954से एसके अस्पताल का विधिवत शुभारंभ किया था। -अस्पताल के निर्माण में 5 वर्ष, 5 माह और 5 दिन लगे थे। उस समय मजदूर की 50 पैसा और मिस्त्री की एक रुपया प्रतिदिन की मजदूरी थी।
– अस्पताल बनाने के लिए सीकर के राजकोष से 2 लाख 70 हजार रुपए खर्च किए गए थे। इसके अलावा सेठ साहूकारों ने भी चंदा दिया था। -अस्पताल के शिलान्यस समारोह में पंडित आनंदी लाल और रघुवीर शास्त्री ने पूजा अर्चना करवाई थी।
-एसके अस्पताल के पीछे नेत्र चिकित्सालय भवन है, जिसका शिलान्यास मुख्य भवन के लोकार्पण के छह साल बाद हुआ था। -यह भवन तैयार हो जाने पर १५ नवंबर १९६४ में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इसका शुभारंभ किया।
-एसके अस्पताल में सबसे पहले डीएमएचओ डॉ. केडी शर्मा और चिकित्सक के रूप में डॉ. जयशंकर लुहानी को लगाया गया। -समय-समय पर एसके अस्पताल में कई परिवर्तन हुए। स्टाफ बढ़ा। भवन ने विस्तार पाया और चिकित्सा सुविधाओं में भी इजाफा हुआ।
स्थापना दिवस समारोह मनाया
गुरुवार को सीकर विकास मंच और वरिष्ठ नागरिक परिषद की ओर से एसके अस्पताल में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. मीणा की अध्यक्षता में अस्पताल का स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम में राव राजा कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। मंच के सचिव महावीर पुरोहित ने अस्पताल के इतिहास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में एडीएम ईश्वर सिंह राठौड़, समाजसेवी सलीम चौहान, श्रीचंद जाखड़, मास्टर अब्दुल समेत अनेक चिकित्सक उपस्थित थे। उप अधीक्षक डॉ. हरिसिंह आगंतुकों का आभार जताया।