सीकर भाजपा पदाधिकारी अपने स्तर पर मंडल से लेकर सभी नए व पुराने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर मन भी टटोल रहे है। इसके अलावा चारों विधानसभा क्षेत्रों में जनता से जुड़े बड़े मुद्दों पर भी सामाजिक संगठनों से लेकर प्रबुद्ध वर्ग के लोग तीखे सवाल पूछ सकते हैं। ऐसे में सूची बनाने में यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि सामाजिक संगठनों में शामिल पदाधिकारी भी भाजपा की विचारधारा से सीधे जुड़े हों जिससे प्रश्नों के जवाब के दौरान परेशानी नहीं हो।
दस दिन पहले कार्यकर्ता ने खुलकर रखे थे विचार
जिले में पिछले माह नीमकाथाना, खण्डेला, श्रीमाधोपुर व दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में मंडल पदाधिकारियों के साथ प्रवास प्रभारी की बैठक में भी कार्यकर्ता खुलकर सामने आए थे। श्रीमाधोपुर में कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया कि चार वर्ष तक कार्यकर्ता की याद नहीं आई और चुनाव के समय कार्यकर्ता की याद आने लगी है।
इसी तरह दांतारामगढ़ मंडल की बैठक में भी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा क्षेत्र के नेतृत्व देने की मांग कर डाली तथा कार्यकर्ताओं की कही भी सुनवाई नहीं होने की शिकायतें की। नीमकाथाना व खण्डेला में सीधे तौर पर कार्यकर्ताओं ने कुछ भी नहीं कहा,लेकिन दबी जुबान से कार्यकर्ताओं की नाराजगी जगजाहिर रही।
यहां भी जुटे डैमेज कंट्रोल में
सीकर के चारों विधानसभा क्षेत्रों में से तीन में वर्तमान में भाजपा के विधायक है। इसके अलावा खण्डेला विधानसभा क्षेत्र से चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया, नीमकाथाना से सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमङ्क्षसह बाजोर व श्रीमाधोपुर से पूर्व जिलाध्यक्ष झाबरसिंह खर्रा विधायक है। ऐसे में कार्यकर्ताओं के मुख्य होने पर मुख्यमंत्री के सामने सबसे ज्यादा प्रभाव वर्तमान जनप्रतिनिधियों की छवि पर भी होगा। ऐसे में जनप्रतिनिधि भी जनसंवाद से पहले ही डेमेज कंट्रोल में जुट गए है।
इन मुद्दों पर हो सकते सीधे सवाल-जवाब
-मुख्यमंत्री के जनसंवाद के दौरान सामाजिक संगठनो के अलावा कार्यकर्ता स्थानीय मुद्दों पर सीधे सवाल-जवाब भी कर सकते है। हालांकि जिला पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि इससे बचने के लिए पहले से तय लोगों से ही बातचीत तय कर सकते है।
-मुद्दों में चारों विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या पानी की है। इसके अलावा नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग भी उठ सकती है। श्रीमाधोपुर में पानी के साथ सीवरेज व सरकारी कॉलेज का मुद्दा तथा खण्डेला में कुंभाराम लिफ्ट नहर परियोजना का पानी का मुद्दा प्रमुख रूप से उठ सकता है। दांतारामगढ़ कस्बे में सड़कों का मुद्दा भी मुख्यमंत्री के सामने उठाया जा सकता है।
इस तरह चलेगा जनसंवाद का दौर
-चारों विधानसभा क्षेत्रों में छह अप्रेल से नौ अप्रेल तक मुख्यमंत्री के जनसंवाद का दौर सुबह से ही शुरू हो जाएगा।
-प्रत्येक समूह से करीब 45 मिनट से एक घंटे तक बातचीत होगी।
-जनसंवाद के दौरान एक समूह पेंशनर्स, चिकित्सक, सीए, अभियंता, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
-दूसरे समूह में केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के व्यक्तिगत लाभार्थी, विभिन्न क्षेत्रों में सम्मानित विद्यार्थी व छात्रसंघ प्रतिनिधियों व नवमतदाताओं से संवाद होगा।
-तीसरे समूह में व्यापारियों व किसान वर्ग को शामिल किया जा सकता है।
-इसके अलावा विधानसभा क्षेत्रों के मंडल अध्यक्षों सहित पदाधिकारियों, बूथ अध्यक्ष, शक्ति केन्द्र संयोजक, मोर्चों के अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि वर्तमान व पूर्व को शामिल किया जाएगा।