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दर्द भरी दास्तां: बेरहम काल ने छीना बूढ़े पिता और 3 मासूमों का सहारा

राजस्थान के सीकर जिले में काल क्रूर हाथों ने एक परिवार को कंगाली की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की हादसे में मौत के बाद तीन बच्चों व उनकी मां के साथ बुजुर्ग पिता के लिए दो समय के भोजन की जुगत भी मुसीबत बन गई है।

सीकरNov 02, 2023 / 10:54 am

Santosh Trivedi

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सीकर/नीमकाथाना/मावंडा। राजस्थान के सीकर जिले में काल क्रूर हाथों ने एक परिवार को कंगाली की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की हादसे में मौत के बाद तीन बच्चों व उनकी मां के साथ बुजुर्ग पिता के लिए दो समय के भोजन की जुगत भी मुसीबत बन गई है। कंगाली में कर्ज का बोझ भी दुख का घाव चीरकर दर्द और बढ़ा रहा है। चिंता में 75 वर्षीय बुजुर्ग पिता की छाती जली जा रही है।

ये दर्द से भरी दास्तां है नाथा की नांगल के जैन मुनि महाराज फूलचंद नगर (राजपूतों की ढाणी) निवासी रामस्वरूप सिंह की। रामस्वरूप के ट्रक चालक बेटे विक्रम सिंह की गत गुरुवार को दूदू में ट्रक की टक्कर से मौत हो गई थी। इससे परिवार के सामने पेट भराई का भी संकट गहरा गया है।


ट्रक चला ना दुकान, कर्ज का बढ़ा बोझ


विक्रम की असमय मौत के बाद परिवार के सामने अब फाकाकशी की नौबत आ गई है। उस पर कर्ज भी परेशानी है। कभी मनरेगा में मजदूरी करने वाले बुजुर्ग पिता रामस्वरूप के अनुसार मृतक विक्रम परिवार के लिए 10 लाख रुपए का कर्जा पहले ले चुका था। इसके बाद ट्रक खरीदने के लिए 15 लाख रुपए अलग से कर्ज लिया। इस कर्ज को चुकाने के लिए पत्नी ने भी किराए पर दुकान लेकर चलाई लेकिन दुकान भी नहीं चली और ट्रक विक्रम की मौत का कारण बन परिवार को दुख के पहाड़ तले दबा गया।


जमीन पर भी कब्जा


परिजनों के मुताबिक बुजुर्ग रामस्वरूप के नाम ढाणी में जमीन है। लेकिन उनकी जमीन पर भी अन्य लोगों का कब्जा है। कब्जा छुड़ाने के लिए विक्रम सिंह संघर्ष कर रहा था। परिवार के पास फिलहाल पुश्तैनी मकान का छोटा सा हिस्सा बचा है। आय का कोई साधन नहीं होने से परिवार ने शासन- प्रशासन से मदद की गुहार की है।


मासूमों का छिना साया


विक्रम की मौत से परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है। बुजुर्ग रामस्वरूप का बुढ़ापे का सहारा और तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया छिन गया। इनमें बेटी दीपा कंवर (11) व दीक्षा कंवर (9) है। बेटा दीपेश महज छह वर्ष का है।

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