रेलसीकर.
बड़ी रेल के लिए सपने तो खूब दिखाए जा रहे हैं, लेकिन सपने हकीकत में नहीं बदल रहे। कभी श्रीगंगानगर तक ट्रेन चलाने का सपना दिखाया जा रहा है तो कभी चूरू से पलसाना तक रेल चलाने की बात कही जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि ना सीकर से श्रीगंगानगर तक रेल चलाई जा रही ना ही चूरू से पलसाना तक बड़ी रेल दौडऩे लगी है। मार्च माह में श्रीगंगानगर से हनुमानगढ़, भादरा, राजगढ़, चूरू व फतेहपुर होते हुए सीकर तक रेल चलाने की घोषणा हुई थी। इस प्रस्ताव को रेलवे मंजूरी भी दे चुका। उस समय बताया गया था कि जल्द ही सीकर से श्रीगंगानगर तक ट्रेन चलाने का टाइम टेबल घोषित कर दिया जाएगा। लेकिन अप्रेल भी खत्म होने को है, लेकिन ट्रेन चलना तो दूर की बात अभीेेतक टाइम टेबल भी नहीं आया है। ना ही यह यह बताया गया है कि यह ट्रेन एक्सपे्रस रहेगी या लोकल।
पहले रींगस तक चलनी थी ट्रेन
घोषणा के अनुसार सीकर से जयपुर के बीच ट्रेन चलाने से पहले इसे सीकर से रींगस तक ही चलाया जाना प्रस्तावित था। लेकिन कार्य की धीमी गति के कारण इसे रींगस तक भी नहीं चलाया जा रहा। जबकि यह ट्रेन मार्च में चलाई जानी थी। अब अप्रेल भी खत्म होने को है, लेकिन रींगस तो दूर की बात अभी तक पलसाना तक भी ट्रेन नहीं चलाई जा रही। सूत्रों के अनुसार सीकर से पलसाना तक कोई अलग से ट्रेन नहीं चलाई जाएगी, जो डेमू टे्रन अभी चूरू से फतेहपुर होते हुए सीकर आ रही है,उसे ही पलसाना तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अभी तक इसकी भी कोई अधिकृत जानकारी नहीं आई है। अगर चूरू वाली ट्रेन को नहीं बढ़ाया जाता है तो रेवाड़ी से झुंझुनूं होते हुए सीकर आ रही ट्रेन को भी पलसाना तक चलाया जा सकता है। लेकिन संभावना ज्यादा चूरू वाली डेमू ट्रेन की ज्यादा लग रही है।
27 फरवरी को आए थे सीआरएस
रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त एस चंद्रा, डीआरएम सौम्या माथुर व अन्य अधिकारियों ने 27 फरवरी2018 को सुबह से रात तक सीकर से पलसाना ट्रेक का जायजा लिया था। सबसे पहले उन्होंने पलसाना से सीकर के बीच मोटर ट्रॉलियों से ट्रेक का जायजा लिया। इसके बाद सीकर से पलसाना तक विशेष ट्रेन से स्पीड ट्रायल किया। ट्रॉलियों से पलसाना से सीकर तक करीब 27.4 किलोमीटर के निरीक्षण में अधिकारियों को करीब आठ घंटे का समय लगा। वहीं विशेष ट्रेन से सीकर से पलसाना के बीच करीब 18 मिनट का समय लगा। इस दौरान ट्रेन की गति करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रही। सीकर से ट्रेन बीस बजकर 17 मिनट पर रवाना हुई जो पलसाना में बीस बजकर 35 मिनट पर पहुंची। सीआरएस का दौरा हुए करीब करीब दो माह होने को आए, लेकिन अभी तक इस ट्रेक पर ट्रेन नहीं चल रही।