विधानसत्र के दौरान भी यूडीएच मंत्री ने इस साल के आखिर तक मास्टर प्लान को जारी कराने की बात कही थी। लेकिन अभी तक सीकर के मास्टर प्लान 2041 के प्रारूप का भी प्रकाशन भी नहीं हो सका है। प्रारूप का प्रकाशन होने के बाद आमजन से आपत्ति मांगी जाएगी और इसके बाद नया मास्टर प्लान लागू हो सकेगा।
छह महीने में तैयार हुआ, जांच में एक साल
पिछली कांग्रेस सरकार के समय सीकर का मास्टर प्लान तैयार हुआ था। इस दौरान आचार संहिता की वजह से सीकर के मास्टर प्लान का प्रारूप प्रकाशन नहीं हो सका। इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने दावा किया कि मास्टर प्लान को लेकर जो शिकायत मिली है उनकी जांच कराई जाएगी। लगभग एक साल में भी इनकी जांच पूरी नहीं होने की वजह से मास्टर प्लान अनलॉक नहीं हो सका है।शहरी सीमा बढ़ना तय
नए मास्टर प्लान के जारी होने के बाद सीकर की शहरी सीमा का दायरा बढ़ना तय है। सूत्रों की माने तो 50 से ज्यादा गांव-ढाणियों को नए मास्टर प्लान में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में गांव-ढाणियों के लोगों को भी नए मास्टर प्लान का इंतजार है।नुकसान: कैसे चमके रियल एस्टेट कारोबार
शिक्षानगरी सीकर प्रदेश के कई जिलों के जक्शन के तौर पर डवलप हो रही है। रियल एस्टेट सेक्टर में यहां लगातार दूसरे जिलों के निवेशक भी आगे आ रहे है। पिछले एक साल से मास्टर प्लान के अनलॉक नहीं होने की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर को भी बूस्टर डोज नहीं मिल पा रहा है। वहीं मास्टर प्लान में देरी की वजह से कई निवेशक दूसरे शहरों में निवेश करने की तैयारी कर चुके है। यह भी पढ़ें