VIDEO : इन 6 वजहों से सीकर किसान आंदोलन बिना लाठी-गोली चले हुआ सफल, जानिए इस आंदोलन की इनसाइड स्टोरी
सम्मेलन में रोल मॉडल की घोषणा कर दिल्ली की सरकार को घेरने की रणनीति का खुलासा किया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर स्वामी नाथन आयोग की सिफारिश को लागू कराया जा सके। अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष पेमाराम ने बताया कि पांच लाख किसानों को जोडऩे के लिए गांव-गांव ढाणी-ढाणी में कमेटी व सदस्य बनाए जा रहे हैं। कर्जा माफी के लिए सीकर से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन राजस्थान में फैला।कबड्डी के नेशनल प्लेयर के दिमाग की उपज था सीकर किसान आंदोलन, जानिए कौन है यह खिलाड़ी?
हजारों किसानों के साथ नौजवान, विद्यार्थी, मजदूर व व्यापारियों ने भी इसमें भागीदारी निभाई। बिना हिंसा के शांतिपूर्ण चले आंदोलन ने राज्य सरकार को झुकाया भी। आखिरकार किसान के 50 हजार का कर्जा माफ करने की घोषणा सरकार को करनी पड़ी। यह आंदोलन जिस तरह लड़ा गया इसी की तर्ज पर किसानों के नए आंदोलन की शुरुआत देशभर में की जाएगी।एक सितंबर को सीकर की कृषि उपज मंडी में हजारों किसानों ने महापड़ाव डालकर आंदोलन की शुरुआत की। दो को ढोल पीटकर रात को पुलिस और प्रशासन की नींद ***** की। चार सितंबर को बड़ी सभा व मुख्यमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। 11 सितंबर को कच्चे-पक्के सभी रास्ते बंद रखे। इसके बाद 13 को सरकार के समझौता के बाद 14 सितंबर को मंडी परिसर में जश्न के साथ आंदोलन समाप्त किया गया।