जिनके महलों में रंग के फानूश थे…झाड है उनकी कब्र पर और निशां कुछ भी नहीं! कुछ ऐसे ही हालात बने हैं राजसी वैभव के प्रतीक सुभाष चौक स्थित गढ़ के। कभीं यहां राज दरबार सजता था। राज्य के विकास के अहम फैसले हुआ करते थे। राजा, मंत्रियों, सभासदों और राजसी बग्घियों का वैभवपूर्ण माहौल था…लेकिन वक्त की दीमक इन सबको खा गई।
सुभाष चौक गढ अब गुमनामी के अंधेरे में डूबा है। विक्रम संवत 1744 (12 अप्रेल 1687) में राव दौलतसिंह ने सीकर शहर की स्थापना की थी। उस दौरान सुभाष चौक में छोटा गढ़ बनाया गया था। 1954 तक शहर पर 11 राजाओं ने राज किया। अंतिम शासक राव राजा कल्याणसिंह थे। इन्होंने 34 साल तक राज किया। इनके शासनकाल में शहर में काफी निर्माण कार्य हुए।